रायपुर। (अमित मिश्रा संपादक वायरलेस न्यूज)  छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ट्रांसपोर्ट यूनियनों में बसों के संचालन को लेकर विवाद बढ़ गया है। सरकारों ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया तो बसों का संचालन बंद हो सकता है। ओडिशा में छत्तीसगढ़ की यात्री बसों को रोके जाने के बाद यातायात महासंघ से जुड़े ऑपरेटरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी बसें वहां नहीं चलने दी गई तो वे भी ओडिशा से आने वाली बसों को छत्तीसगढ़ में घुसने नहीं देंगे।

Controversy over operation of buses: छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ का कहना है कि दोनों राज्यों के बीच अंतरराज्यीय परमिट के तहत बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए नियमानुसार रूट और समय निर्धारित किया गया है, लेकिन ओडिशा के बस मालिक मनमर्जी से बसों संचालन करना  चाहते हैं। इसकी शिकायत परिवहन सचिव एस. प्रकाश और अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर से की गई है। उन्हें ज्ञापन सौंपकर बताया गया है कि ओडिशा से आने वाली बसें छत्तीसगढ़ में चल रही हैं, लेकिन यहां की बसों को वहां रोककर लौटाया जा रहा है।

Controversy over operation of buses : पिछले दिनों यातायात महासंघ की बैठक में तय किया गया था कि जल्द ही इसका समाधान नहीं निकाला गया तो 11 जून से ओडिशा की बसों को छत्तीसगढ़ सीमा पर रोक दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने बताया कि उनकी बसों को ओडिशा में रोका जा रहा है, जबकि अंतरराज्यीय समझौते के तहत ही दोनों राज्यों के बीच बसों का संचालन होता है।

छत्तीसगढ़ की बसों में किराया कम

Controversy over operation of buses : बस मालिकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ से चलने वाली बसों का किराया ओडिशा ट्रांसपोर्ट की अपेक्षा कम होने के और सुविधा को देखते हुए यात्री उनकी बसों में सफर करना चाहते हैं। इसे देखते हुए ओडिशा ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोग उनकी बसों को चलने नहीं दे रहे हैं जबकि परिवहन विभाग द्वारा समझौते के तहत ही टैक्स, किराया, परमिट और समय निर्धारित किया गया है।

 हजारों यात्री  करते हैं सफर

Controversy over operation of buses : छ्त्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से ओडिशा के पुरी, भुवनेश्वर, संबलपुर, बरगढ़, भवानीपटना, राउरकेला, दामनजोड़ी, जैपुर, काटाभांजी सहित कुछ अन्य शहरों के लिए यात्री बसों का संचालन होता है, जिनमें हजारों यात्री सफर करते हैं। छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच कुछ मार्गों पर परमिट के साथ दोनों ओर से बसें चलाने का अनुबंध है। इसके लिए दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के तहत ऑपरेटर को उन मार्गों पर बसों का परमिट जारी किया गया है।