किशोर कर ब्यूरोचीफ महासमुंद

महासमुंद– कलाकार किसी परिचय के मोहताज नहीं होते। सरायपाली में अग्रवाल परिवार के बच्चों ने इस बात को सिद्ध कर दिया है । दरअसल बच्चों ने एक आकर्षक रंगोली बनाकर समाज को ऐसा संदेश दिया है जिसकी चारों और लोग प्रशंसा कर रहे हैं और रंगोली देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। महासमुंद जिले के सरायपाली मे रंगोली के माध्यम से बच्चों ने समाज को 4 नए संदेश देने का प्रयास किया है जो लोगों के लिए बरबस ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। श्रीमती मोनी अग्रवाल के निर्देशन में सुरभि अग्रवाल, अर्पिता अग्रवाल, और अंशु अग्रवाल ने एक ही रंगोली में ऐसा चित्रण किया है जिससे समाज को 4 नए तरह के संदेश मिल रहे हैं । इन बच्चों ने रंगोली के माध्यम से पहला संदेश दिया है कि जंगलों में लगातार वृक्षों के कटने से पर्यावरण असंतुलित हो रहा है और पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है जिससे बच्चों ने संदेश देते हुए बताया है कि वृक्षों को काटने से बचाया जाए साथ ही पानी को व्यर्थ बहने से भी रोका जाए जिससे कि जल का संरक्षण हो सके । वही दूसरे भाग में मिट्टी के दीए का उपयोग करने का संदेश दिया है और बताया है कि इससे कुम्हार जाति के लोगों का रोजगार बना रहेगा और पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा बच्चों ने बताया है कि मिट्टी के दीए का उपयोग करने से जहां विदेशी और चाइनीस लाइट के उपयोग से लोग बच सकेंगे वहीं मिट्टी के दीए की सुंदरता और परंपरा भी लोगों भी लोगों के बीच बची रहेगी। रंगोली के माध्यम से बच्चों ने यह भी संदेश दिया है कि लोग भोजन की बर्बादी न करें दरअसल देश का एक बड़ा हिस्से मे बड़ी आबादी आज भी भूखे पेट सोने को मजबूर है ऐसे हालातों में भोजन की बर्बादी ना किया जाए यह संदेश भी बच्चों के द्वारा दी गई है वही बेटी पढ़ाने, बेटी को बचाने और भ्रूणहत्या रोकने का भी संदेश दिया गया है। महाराज अग्रसेन जयंती के मौके पर अग्र समाज की ओर से दिए गए थीम के आधार पर समाज को नए संदेश देने का प्रयास इन बच्चों के द्वारा किया गया है जिसकी सामाजिक जनों के साथ साथ अंचल में काफी प्रशंसा की जा रही है और लोगों के लिए यह रंगोली आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।रंगोली बनाने वाले बाल कलाकारों से जब चर्चा की गई तब उन्होंने कहा कि समाज को बेहतरीन संदेश देने के लिए उनके द्वारा यह प्रयास किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताया है कि उनके द्वारा रंगोली के माध्यम से समाज को जो संदेश देने की कोशिश की गई है उससे जनजागृति आ सकेगी।