रायगढ़/(वायरलेस न्यूज़) आज रायपुर से गृह निवास ग्राम भगोरा फरसाबहार के यात्रा के दौरान, छ.ग. राज्य विधानसभा के प्रथम नेता प्रतिपक्ष व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार डाॅ. नंद कुमार साय रायगढ़ के बाल संप्रेक्षण गृह में औचक निरीक्षण पर पहुंचे। डाॅ. साय ने बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी व अन्य कर्मचारियों से संस्थान की गतिविधियों पर चर्चा की तथा अपचारी बालकों की स्थितियों का जायजा लिया। विशेष रूप से लैलुंगा में 22 सितंबर की रात कांग्रेस नेता नगर पंचायत के एल्डरमैन, राइस मिल संचालक मदन मित्तल और उनकी पत्नी की हत्या के मामले संदिग्ध रूप से निरूद्ध रखे गये चार अपचारी बालकों के संबंध में आवश्यक पूछताछ की गई । क्षेत्र का जनसेवक होने के नाते डाॅ. नंदकुमार साय स्वयं अपने स्तर से पूरे प्रकरण की जाॅंच कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूरे भारत में डाॅ. नंदकुमार साय ही एक ऐसे जननेता हैं जिन्होंने स्वप्रेरणा से स्वयं आगे आकर इस तरह के गंभीर मामलों की निष्पक्ष जांच की जिम्मेदारी उठायी है। इससे पहले जनप्रनिधि के तौर पर डाॅ. साय इस तरह के 32 मामलों की जाॅंच कर चुके हैं, जिनमें से करीब 22 मामलों में वास्तविकता सामने आने के बाद आरोपितों को सजा हुई हैं ।
डाॅ. साय ने इस मामले को लेकर कहा कि दो नाबालिक बालकों को गिरफ्तार कर पुलिस भले ही अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने का दावा कर अपनी पीठ स्वयं थपथपा रही है, परन्तु इस संदेहास्पद हत्या के मामले में मृतक के स्वजनों सहित पूरे क्षेत्र के लोग इस हत्या को केवल नाबालिगों द्वारा अंजाम दिये जाने की बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। डाॅ. नंदकुमार साय ने मामले की जांच के दौरान रायगढ़ जेल का भी दौरा किया । यहाॅं उन्होंने जेलर से चर्चा की, साथ ही मामले में आरोपित बताये गये युवक त्रिनाथ से भी बात की। श्री साय ने बताया कि बाल संप्रेक्षण गृह में निरूद्ध बालकों और जेल में दाखिल किये गये युवक से बातचीत के दौरान पता चला कि नाबालिकों को पुलिस द्वारा बलपूर्वक पिटाई कर मामले में आरोपित होना कबूल कराया गया है। डाॅ. साय ने कहा कि यदि यह बात सत्य है तो इस तरह से पुलिस गलत कार्यवाही कर अपने दायित्वों की इतिश्री नहीं कर सकती। पुलिस असली आरोपित को बचाने के लिये बच्चों को झूठे मामले मेें फंसा रही है, इस मामले में पुलिस की भूमिका भी जाॅंच के दायरे में है।
इस संबंध में पुलिस का कहना है कि लैलूंगा में चोरी की नियत से चार नाबालिक, दो युवकों के साथ चखना दुकान में चोरी करने के बाद कांग्रेस नेता के घर में रोशनदान से बांस के सहारे घुसे। यहां उन्होंने सो रहे कांग्रेस नेता की गला दबाकर हत्या कर दी । इसके बाद उनकी पत्नी का मुंह तकिया से दबाकर हत्या कर दी। वारदात के तीन दिनों बाद 4 नाबालिक व 1 युवक पुलिस के हत्थे चढ़ा था। इनके कब्जे से करीब 80 हजार रूपये बरामद होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। वहीं एक आरोपित जिसे घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है वह अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस की इस जांच व कार्यवाही से स्थानीय लोगों में असंतोष है। लोगों का कहना है कि इस मामले में पुलिस निर्दोषों को फंसा रही है। घटना की उच्च स्तरीय जाॅंच की भी मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने किसी दबाव में आकर यह कार्यवाही की है। यदि घटना की निष्पक्षता से जांच की जाए तो कुछ और ही तथ्य निकल कर सामने आयेंगे। इसी के आधार पर पूर्व सांसद डाॅ. साय द्वारा स्थानीय लोगों से मुलाकात कर घटना के संबंध में पूरी जानकारी ली गई।
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