NTPC प्रबंधक अरुण भुक्कड खुद को शासन, प्रशासन यहां तक की किसान हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी ऊपर समझते है, जिससे शिकायत करना है करदो की किसानों को देते हैं धमकी: विक्रांत तिवारी

प्रताड़ित किसान ने आज़ाद मंच से लिखित में की NTPC प्रबंधक की शिकायत, विक्रांत तिवारी किसान के साथ पहुंचे कलेक्ट्रेट।

कलेक्टर और प्रभारी एवं राजस्व मंत्री से करेंगे शिकायत निराकरण नही होने पर NTPC प्रबंधन को किसान आंदोलन का करना पड़ेगा सामना।

बिलासपुर( वायरलेस न्यूज़ 4/12/21) किसान प्रमुख देश मे किसानों की स्थिति क्या है इसपे आज पूरे देश मे चर्चा की जा रही है। किंतु किसानों को हर रोज़ किसान होने की जो कीमत अदा करनी पड़ती है उससे आज भी सरकारें अनभिज्ञ हैं। धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में जहाँ एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री है और पूरी सरकार अपने किसान हितैषी फैसलों को लेकर देश में पहचान बना रही है वहीं उस प्रदेश के कुछ किसानों को सालों से एक अभिशाप का सामना करना पड़ रहाहै जिससे सरकार शायद अनजान है। उस अभिशाप का नाम है NTPC प्रबंधन। NTPC ने जहां आस पास के किसानों के खेतों मे राखड़ की नदियां बहा रखी हैं तो वहीं NTPC ने प्रभावित किसानों की लंबी फेहरिस्त को मनमाने ढंग से अपनी गलत नीतियों का शिकार बना रखा है। जिसकी कमान आज कल एक ऐसे प्रबंधक के हांथों मेंहै जो खुद को तहसीलदार कलेक्टर क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी ऊपर समझते है। किसानों का यह मामला तब संज्ञान में आया जब NTPC प्रबंधक से प्रताड़ित एक किसान महेश जायसवाल ने बिलासपुर आज़ाद मंच के प्रमुख विक्रांत तिवारी को लिखित में शिकायत कर अपनी आप बीती बताई। किसान ने दस्तावेजों के साथ बताया कि उसकी 3 एकड़ 86 डियामिल ज़मीन NTPC के राखड़ के कारण 10 से 15 फिट राख में दबी रहती है जिसकी क्षतिपूर्ति प्रति एकड़ 50000 रुपय के हिसाब से दी जाती रही है। ऐसे 453 किसानों के खेत प्रभावित हुए हैं। किसान पुत्र महेश जायसवाल ने बताया की उसके पिता का देहांत इसी वर्ष 2021 में जनवरी माह में हुआ जिसके बाद किसान के बेटे के नाम पर ज़मीन चढ़ गई किन्तु NTPC प्रबंधन ने अपनी कलाबाज़ी दिखाते हुए 3.86 डिसमिल ज़मीन को 2.97 डियामिल मे ताब्दिल कर क्षतिपूर्ति मुआवज़ा घटा दिया। जिसकी शिकायत करने पर पहले तो किसान के परिवार को NTPC ने भगा दिया । फिर तहसीलदार से शिकायत उपरांत पुनः पटवारी को ज़मीन नापने और प्रतिवेदन देने कहा गया। पटवारी के साफ साफ

लिखित में कहने के बाद भी NTPC अपनी बात पे अड़ा रहा, राजस्व निरीक्ष यहाँ तक कि तहसिलदार के आदेश के बाद भी NTPC प्रबंधन ने किसान का रकबा नही सुधारा। किसान जब NTPC के प्रबंधक अरुण भुक्कड से निवेदन करने गया तो उसे अभद्रता के साथ कह के भगा दिया गया कि तेरा बाप मर गया है इसलिए ज़मीन भी कम होगई है जा जो करना है करले। प्रताड़ित किसान लगातर अपने स्तर पे आवेदन कर कर के थक गया, जिसके बाद सभी दस्तावेजों के साथ आज़ाद मंच से संपर्क कर मंच के प्रमुख विक्रांत तिवारी को सारे दस्तावेज के साथ लिखित में शिकायत की। विक्रांत ने बताया कि महेश जायसवाल की शिकायत पे आज़ाद मंच की तरफ से सभी दस्तावेजों की जांच कर हमने किसान के साथ हो रहे अन्याय की वजह जानने NTPC प्रबंधक श्री अरुण भुक्कड को फोन लगाया किन्तु किसान की बात सुनते ही उन्होंने अभद्रता पूर्ण तरीके से बात करते हुए कहा कि जो करना है करलो जिससे शिकायत करनी है करलो मुझे फर्क नही पड़ता, हमे जो करना है हम करेंगे । जिसके उपरांत विक्रांत तिवारी प्रभावित किसान को लेकर सभी अभिलेखों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे किन्तु कलेक्टर महोदय के बाहर होने की वजह से आज मुलाकात नही हुई। विक्रांत ने कहा, की सभी दस्तावेजों से स्पष्ट है कि किसान की मृत्यु की बाद शोकाकुल किसान परिवार और उनके पुत्र को किस तरह से प्रताड़ित किया गया है। NTPC प्रबंधन की तमाम शिकायतें हमे मिलती रही हैं किंतु इस शिकायत पर बात करने पर प्रबंधक श्री अरुण भुक्कड ने जो अमर्यादित लहजे में बात की वो बताता है कि ये किसानों को किस तरह से धुत्कार के भागते होंगे। उनके शब्दों से ये स्पष्ट होता है कि वह खुद को प्रदेश के मुख्यमंत्री से ऊपर मानते हैं। तहसीलदार , पटवारी एवम राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन की धज्जियां उड़ाने वाले ऐसे प्रबंधक किसानों के लिए अभिशाप हैं। जिनसे और इनके द्वारा की जारही किसान विरोधी माननीयों से किसानों और आस पास के रेहवासियो को आज़ाद कराने आज से आज़ाद मंच वचनबद्ध है। विक्रांत ने कहा कि हम आज बिलासपुर जिलाधीश के समक्ष ये पूरे दसतावेज के साथ शिकायत करने आये थे उनसे शिकायत के बाद जल्द बिलासपुर के प्रभारी मंत्री और राजस्व मंत्री श्री जय सिंह अग्रवाल जी से भी किसान और आज़ाद मंच मुलाकात कर इस विषय पर निराकरण की मांग करेगा। NTPC प्रबंधक अरुण भुक्कड अगर इसी तरह किसानों को खिलौना समझ कर उनके साथ खिलवाड़ करेंगे तो जल्द NTPC को आज़ाद मंच के झंडे तले किसान आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। अब ये लड़ाई किसानो को उनका हक दिलाने और ऐसे प्रबंधक को हटाने तक जारी रहेगी।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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