पेंड्रा (विशेष संवाददाता वायरलेस न्यूज़) कूट रचना करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर दैनिक वेतन भोगी के रूप में वरिष्ठता प्राप्त कर नियमितीकरण का लाभ लेकर निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर पदोन्नति पाने वाले लिपिक के खिलाफ वन विभाग बर्खास्तगी की कार्यवाही कर सकता है! मरवाही वन मंडल के विभागीय जांच एवं छानबीन समिति द्वारा इस बात की पुष्टि कर दी गई है कि लिपिक परमेश्वर गुर्जर द्वारा नियमितीकरण हेतु परमेश्वर गोंड़ नामक एक दैनिक वेतन भोगी

कर्मचारी के दस्तावेज में कूट रचना कर स्वयं का नियमितीकरण करा लिया और विभागीय पदोन्नति भी प्राप्त कर ली तथा वन विभाग की आंखों में धूल झोंक कर नौकरी कर रहा है। इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर मरवाही वनमण्डलाधिकारी को दोषी पाए गय लिपिक पर बर्खास्तगी के निर्देश के बावजूद अब तक कार्यवाही लंबित है जो वन मंडल इस प्रकरण में फर्जी दस्तावेजों में कूटरचना करके

प्रतिवेदन देने वाले स्थापना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय जांच करने अनुशंसा की गई है। परन्तु कार्यवाही की अंतिम कार्यवाही की फाइल वनमंडल कार्यालय में फाइलों के नीचे दबी पड़ी है जो अनेक संदेशों को जन्म दे रहा है

इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परमेश्वर गुर्जर तृतीय श्रेणी लिपिक के द्वारा फर्जी तरीके से अपना नाम अंकित कर 8 वर्ष की वरीयता के आधार पर नियमितीकरण प्राप्त कर लेने की शिकायत बिलासपुर के एक पत्रकार एम.एस. बेग तथा गौरी शंकर श्रीवास प्रवक्ता भाजपा छत्तीसगढ़ ने की थी। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए वन विभाग के उच्च कार्यालय द्वारा एक जांच एवं छानबीन समिति का गठन किया गया था। शिकायत में बताया गया था कि परमेश्वर गुर्जर तृतीय श्रेणी लिपिक द्वारा परमेश्वर गोंड, निवासी बगरा दैनिक श्रमिक के उपस्थिति पंजी में फर्जी तरीके से अपना नाम अंकित कर 8 वर्ष की वरीयता के आधारपरनियमितिकरण प्राप्त कर के वन विभाग को चूना लगाया जा है। मरवाही वनमण्डल द्वारा गठित जांच समिति द्वारा कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर जांच के दौरान जो तथ्य पाये गये उसके अनुसार छ.ग. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05.03.2008 के द 01.01.1989 से दिनांक 31.12.1997 तक की अवधि में नियुक्त दैनिक वेतन भोगी / तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों का नियमितीकरण आदेश जारी किया गया था जिसके तहत परमेश्वर गुर्जर का नियमितीकरण किया गया । वनमण्डल मरवाही कार्यालय के स्थापना शाखा में उपलब्ध दैनिक श्रमिकों की नियमितीकरण हेतु जारी
सूची में परमेश्वर गुर्जर को मरवाही वनमण्डल कार्यालय के वायर लेस कक्ष में वायरलेस ऑपरेटर का कार्य दैनिक श्रमिक के रूप में सितम्बर 1997 से कार्य प्रारंभ करना बताया गया है, परंतु वनमण्डल कार्यालय के अभिलेख शाखा में उपलब्ध वर्ष 1997 से लेकर 2000 तक के मस्टारोल का अवलोकन करने पर परमेश्वर गुर्जर द्वारा वर्ष 1997 से लेकर 2000 तक एक भी माह में कार्य करना नहीं पाया गया है। जबकि वन मण्डल मरवाही वर्ष 1997 में अस्तित्व में ही नही था,
तरह परमेश्वर गुर्जर वर्ष 1997 के पूर्व कार्यरत नही थे उनका नाम फर्जी तरीके से वर्ष 1997 के पूर्व कार्यरत् दैनिक श्रमिकों की सूची में जोड़ा गया है तथा वरीयता सूची के अनुसार परमेश्वर गुर्जर को सितम्बर 1997 में मरवाही वनमण्डल कार्यालय पेण्ड्रारोड के वायरलेस कक्ष में कार्य करना बताया गया है, जबकि वर्ष 1997 में मरवाही बनमण्डल कार्यालय पेण्ड्रारोड में था ही नहीं।
यह कार्यालय उक्त अवधि में उत्तर बिलासपुर बनमण्डल के नाम से बिलासपुर में था, वर्ष 2002 में मरवाही वनमण्डल पेण्ड्रारोड के नाम से मढ़नाडिपो में कार्यालय प्रारंभ हुआ है।
दूसरा महत्वपूर्ण छानबीन करने पर ज्ञात हुआ कि परमेश्वर गुर्जर लिपिक वर्ष 2005 तक किसी भी मस्टररोल के प्रमाणक में उसका नाम दर्ज नहीं है ,स्पष्ट है कि व्यक्ति 2005 तक वन विभाग में कार्यरत नहीं था, इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि रजिस्टार गुरु घासीदास विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन में लिपिक परमेश्वर गुर्जर वर्ष 2000 से 2003 तक पेंड्रा डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय में नियमित रूप से छात्र रहते हुए अध्ययन करना बताया गया है, छानबीन समिति से मिली भगत कर परमेश्वर गोड़ नामक व्यक्ति के बदले परमेश्वर गुर्जर ने अपना नाम सूची में जुड़वा कर फर्जी नियुक्ति प्राप्त की गई है
इस तरह विभागीय जांच कमेटी द्वारा की गई जांच में शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई शिकायत सही पाए जाने के बाद परमेश्वर गुर्जर निम्न श्रेणी लिपिक को सेवा से बर्खास्त किए जाने पर उनके द्वारा बर्खास्तगी की कार्यवाही के निर्देश दिए गय है ,परन्तु कार्यवाही अब तक नही की जा रही है।