● विशेष न्यायालय रायगढ़ से दोनों अभियुक्तों को 5.50-5.50 लाख और कम्पनी को 10 लाख रूपये के अर्थदंड की मिली सजा….. *रायगढ़* । श्री रजनीश श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश, रायगढ़ (अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005) द्वारा आज दिनांक 23.06.2022 को थाना चक्रधरनगर के धोखाधड़ी सहित चिटफंड मामले में अभियुक्त कंपनी “टिशा एग्रो प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड” कंपनी को आर.बी.आई एवम् भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से मान्यता प्राप्त नहीं होना कंपनी के दो संचालक (Director) द्वारा रायगढ़ के 17 निक्षेपकों से कंपनी के लुभावन स्कीम बताकर निवेश के लिये उकसाये और छल कर 16,26,790 रूपये संग्रहण कर निक्षेपकों को रूपये नहीं लौटाना पाये जाने पर धारा 420 IPC एवं छ.ग. निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 में दोषी पाते हुए सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा दिया गया है । थाना चक्रधरनगर में प्रार्थी राजकुमार साहू एवं अन्य 16 व्यक्तियों द्वारा दिशा प्लेनेट रियलिटी प्रोजेक्ट कंपनी एवं टिशा एग्रो प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के स्थानीय शाखा के एजेंटों द्वारा कम समय में ज्यादा लाभ मिलने का प्रलोभन देकर रूपये जमा करने तथा कंपनी की शाखा बंद कर फरार हो जाने का लिखित आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कराया गया था, रिपोर्ट पर कंपनी के डायरेक्ट सैमित्रदास, अरूण मंडल एवं अन्य पर अपराध क्रमांक 105/2016 धारा 420, 409, 120-बी,34 IPC तथा धारा छ.ग. निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम 2005 की धारा 06,10 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपीगण के विरूद्ध अगस्त 2016 में चालान न्यायालय प्रस्तुत किया गया । माननीय न्यायालय में अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रस्तुत साक्ष्य के विश्लेषण पर माननीय न्यायालय ने पाया कि उक्त अवधि में सौमित्र दास और अरूण मंडल टिशा कंपनी के संचालक थे जिनके द्वारा रायगढ़ के 17 निक्षेपकों से बेईमानीपूर्वक यह जानते हुए कि रकम वापस नहीं किया जावेगा और कुल 16,26,790 /- रूपये संग्रहण किये । आरोपियों पर आरोपित धारा 420,409,34 IPC तथा छ.ग. निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 दोषसिद्ध होने पर अभियुक्त सौमित्र दास एवं अरूण मंडल को धारा 420 IPC में 3 साल, 50 हजार रूपये अर्थदंड तथा छ.ग. निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 में 5 साल सजा और 5 लाख का अर्थदंड एवं कंपनी “टिशा एग्रो प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड” को छ.ग. निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 में 10 लाख रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया है । मामले में उप निरीक्षक सी.एम. मालाकार, तत्कालीन थाना चक्रधरनगर द्वारा प्रकरण की विवेचना की गई है तथा राज्य की ओर से श्री दीपक शर्मा, लोक अभियोजक द्वारा पैरवी किया गया है । माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण की अपील न होने की दशा में अपील अवधि पश्चात रायगढ़ के 17 निक्षेपकों को उनके द्वारा निक्षेपित रकम समानुपातिक रूप से प्रदान करने का आदेश घोषित किया गया है ।
दोषी अभियुक्त/कंपनी के डायरेक्ट–
(1) सौमित्र दास पिता अरधेन्दू दास, उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम आम्बी, थाना बेलियाबेडा जिला पश्चिम मेदिनापुर (पश्चिम बंगाल)
(2) अरूण मंडल पिता स्व. रेवती मंडल उम्र 31 वर्ष निवासी ग्राम बनपुर, खारूई-01 थाना टमलूक जिला पूरब मेदिनापुर (पश्चिम बंगाल)
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