छत्तीसगढ़ की जनता ने वैसे कभी मैना देखने को तो नही मिला लेकिन इतना जरूर है की रायपुर एयरपोर्ट के सामने गार्डन में राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की एक स्टेचू जरूर बनाई गई है जो केवल आने जाने वालो के लिए मात्र सेल्फी पॉइंट बनकर रह गया है।


रायपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज) एक समय ऐसा कहा जाता था की बस्तर के आदिवासी नहीं बोलते है लेकिन उनकी आवाज में पहाड़ी मैना बोला करती है!? राज्य गठन के बाद मैना पक्षी को छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय पक्षी घोषित किया गया था चूंकि मैना लगभग राज्य से समाप्त हो चुकी थी तत्पश्चात बस्तर में वंश विस्तार के तहत शासन ने मैना को विशेष योजना के तहत कई करोड़ रु.,खर्च कर 1992में प्रजनन केंद्र स्थपित किया गया मगर उसमे शासन को कोई विशेष लाभ नही मिलने पर अब जगदलपुर का पहाडी मैना प्रजनन केन्द्र को बंद करने का फैसला ले लिया गया है। सबसे आश्चर्य होने वाली बात है की वन विभाग के आला अधिकारी आज तक यह नही जान सके कि जो मैना पिंजड़े में कैद है वह असल में नर कोन मादा कोन है । करोड़ रु बर्बाद करने के बाद रखे मैना से प्रजनन नही हो सका।आखिर में राज्य सरकार को लगा की यह सफेद हाथी साबित होने जा रहा है , अतः योजना को बंद करने में ही भलाई है वैसे अधिकारियों का चारागाह बन गया था। अनतः पिंजरे में कैद सोनू मोनू और रितु को अब आजाद कर दिया जायेगा।ये तीनों पहाडी मैना जंगल में छोड़ दिये जायेंगे।

छत्तीसगढ़ की जनता ने वैसे कभी मैना देखने को तो नही मिला लेकिन इतना जरूर है की रायपुर एयरपोर्ट के सामने गार्डन में राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की एक स्टेचू जरूर बनाई गई है जो केवल आने जाने वालो के लिए मात्र सेल्फी पॉइंट बनकर रह गया है।


इस राजकीय पक्षी के लिये यह केंद्र 1992 से संचालित था।लाखों खर्च करने के बावजूद केंद्र को खास सफलता नहीं मिला।
यहां रखे गये 6 मैना की मृत्यु एक के बाद एक हो होने के बाद अभी तीन मैना शेष रह गये हैं।ये मनुष्य की तरह हुबहू आवाज निकालते हैं।
दुर्लभ राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संरक्षण व संवर्धन को लेकर मिली असफलता चिंता का विषय हो सकता है,इस दिशा में पक्षी वैज्ञानिकों के साथ कारगर योजना बनाए जाने की आवश्यकता को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि वर्तमान में उद्यान क्षेत्र में मैना की संख्या में वृद्धि हुई है जिसे देखते हुए वन विद्यालय के प्रजनन केंद्र में रखे गए मैना को जंगल में छोड़ दिया जाए गा इसके लिए तैयारी कर ली गई है।
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Amit Mishra - Editor in Chief
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