बिलासपुर (वायरलेस न्यूज)आज करगी रोड कोटा मे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बैजयंत पंडा के अल्प प्रवास के दौरान साहू धर्मशाला मैं कोर ग्रुप की बैठक लेने के पश्चात पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस मैं कार्यकर्ताओं ने रामदेव कुमावत जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी की उपस्थिति मैं मोहित जायसवाल जिला महामंत्री भारतीय जनता पार्टी संयोजक के साथ में बहुत से कार्यकर्ताओ ने भी स्थानीय प्रत्याशी को लेकर समर्थन में इस्तीफा की बात की गई है।
कोटा भाजपा में असंतोष जल्द सामने आ सकती है बगावत ।
सबके अपने अपने फायदे अपने अपने लाभ और अपनी अपनी महत्वाकांक्षा लेकिन इस सबके बीच कोटा को क्या मिलेगा ?

कोटा विधानसभा से भाजपा संगठन  स्थानीय नेता को न उतार किसी बाहरी नेता को ही कोटा विधानसभा में उतारेगी । ऐसे में दो दिन से जिस प्रकार से भाजपा की संभावित लिस्ट जारी होने के बाद हवा में तैर रही है उसने कोटा विधानसभा के सारे गणित को फेल कर दिया है ।


कोटा विधानसभा से संभावित सूची में जिस प्रकार से प्रबल प्रताप सिंह का नाम सामने आया है उससे टिकट के दावेदार सभी स्थानीय नेता कोमा में चले गए हैं और इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा विधानसभा के सभी छह मंडल कोटा , बेलगहना ,रतनपुर ,करगी ,पेण्ड्रा और गौरेला के टिकट दावेदारों और नेताओं ने एक बैठक रखी और उसमें इस बारे में विस्तार से चर्चा की और हो सकता है कि कल यहां का एक दल रायपुर तक कूच कर जाए और अपना विरोध दर्ज करवाए ।
अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कोटा विधानसभा के भाजपा के कुछ स्थानीय दिग्गज नेताओं ने एक धार्मिक स्थान पर ये बैठक की है और बाहरी प्रत्याशी को कोटा में थोपने को लेकर उनमें विरोध के स्वर मुखर हुए हैं साथ ही कल एक प्रतिनिधि मंडल रायपुर जाने वाला हैं जहां वो प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही कुछ शीर्ष नेताओं से मिलकर अपनी बात रखने वाले हैं । कोटा विधानसभा में प्रबल प्रताप सिंह जुदेव का नाम आने के बाद दो चार नेताओं को छोड़कर बाकी विरोध की मुद्रा में आ गए हैं ।
चुनाव के पहले कोटा में भाजपा नेताओं की निराशा और विद्रोह चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है । कई माह से यहां के स्थानीय टिकट के दावेदार अपनी अपनी फिल्डिंग में लगे थे कैच तो काफी उपर उछला था लेकिन कोई भी स्थानीय नेता इसे नहीं लपक पाया ।
टिकट के दावेदार एक प्रत्याशी जो काफी सदमे में थे का कहना था – शुरू से ही कोटा विधानसभा से स्थानीय प्रत्याशी को ही टिकट देने की मांग हो रही थी और पैनल में भी स्थानीय का ही नाम गया था लेकिन अचानक से टिकट बंटवारे में ऐसा हो जाएगा नहीं पता था ।