(वायरलेस न्यूज़ नेटवर्क)

” कभी स्व.इंदिरा गांधी के वक्त केन्द्र सरकार में मंत्री थे तो तूती बोलती थी और जब प्लेन से उतरते थें तो …” Netam Sehab ” ही बोला जाता था और आज भी उन्हें….” नेताम साहब ही कहते हैं चीर परिचित लोग “…?

( वायरलेस न्यूज़ नेटवर्क)
Arvind netam ji कांग्रेस पार्टी में काफी लंबे समय तक रहें और कुछ ऐसा हुआ की वो हाथ को छोड़कर हाथी में भी चढ़ गये तो कभी घड़ी पहन ली या फिर टांग ली और नहीं समझ आया तो ” फूल ” पकड़ लिए…,,और पिछ्ला चुनाव लड़वाये ” कुछ सीटों पर “… लेकिन सब मे हार मिली पर उसके बाद छत्तीसगढ़ में BJP की सरकार बनी तो निश्चित रूप से ” आदिवासी मुख्यमंत्री “… बनने से जहां Arvind netam ji की पूछपरख बढ़ने लगी और राजाराव पठार में हुये सम्मेलन में जिस प्रकार से RSS वाले नेताओं को महत्व मिला और जिसमें से नेताम साहब की बात सुनी गई और मानी गई तो ऐसा लगा कि…” मोहन भागवत जी को निश्चित रूप से आदिवासी विचारधारा से जुड़े प्रभावी ढंग से जो आदिवासी समाज में अपनी और उनकी बात रख सके वो हीरा मिल गया “…!
बस..,, सुबह – सुबह सर्किट हाउस के जिस कमरे में वो अक्सर रूकते है वहां जाकर शाम को ही राजाराव पठार से पहुंचें ” Arvind netam ji ” से ….” बस्तर में हो रहे धर्मांतरण के मुद्दे व नक्सलवाद समस्या पर चर्चा के अलावा भारी संख्या में आदिवासियों का ईसाई धर्म स्वीकार करने “… जैसें मुद्दों पर चर्चा तो हुई और वो उस समय ही कुछ हिंट दिये थें की …” RSS के इस वक्त के सरसंघचालक मोहन भागवत जी तक अगर मेरी बात पहुंच जायेगी तो बैठकर चर्चा होगी और हल भी निकलेगा “….
देखना अब यह है कि ” Arvind netam ji ” को RSS ने अपनी पाठशाला में आमंत्रित तो किया है तो क्या अगली बैठक Baster मे भागवत जी की आदिवासी नेताओं व समाज के पदाधिकारियों के साथ कर सकते हैं लेकिन इस बैठक की चर्चा राजनैतिक गलियारों में तेज हो गई है !

उम्मीद का दामन मत छोड़ना कभी,
उतार चढ़ाव तो जिंदगी में आते जाते रहते हैं !!

” Anurag Upadhyay ”
कांकेर