बिलासपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज़ संपादक 5 जुलाई 21) प्रकृति की सावन में दो सौगात मनुष्य को उम्दा सब्जी के रूप में मिलतीं है। पहली खेक्सा – ककोड़ा या कंटोला और दूसरा पिहरी जिसे मशरूम कहते हैं।हालांकि इस बार सावन लगने से पूर्व ही इसका आगमन हो गया है।
बिलासपुर में आज पहली बार खेक्सा बाजार में उतरा है, और मूल्य है 320 रुपये किलो में बिक रहा है । बिलासपुर के बाजार में इस समय कवर्धा जिला के पंडरिया से 250 रु. किलो की दर पर यहां पहुंच रही है। ,मशरूम की वेरायरी साल पूटू खूब आ रहा है,लेकिन अभी पिहरी याने लम्बी पूटू अभी नहीं आयी है। इसकी शुरूवात 200 रुपये पाव अर्थात आठ सौ रुपये किलो तक होती है।दरअसल इसकी कीमत सीजन और उपलब्धता पर निर्भर रहता है।
खेक्सा की बड़ी वेरायटी आषाढ़ में आ जाती है पर छोटी याने खेक्सी महंगी और स्वादिष्ट होती है। इसके नर मादा के पेड़ अलग होती हैं। नर में फूल और मादा में फल आते हैं। इनकीं लता होतीं है। और कन्द बड़े।ये मुलतः जंगली है लेकिन अब इनकी खेती भी होने लगी है,लेकिन दोनों के टेस्ट में काफी फर्क है।
इस सब्जी के बारे में कहा जाता है कि ये बहुत शक्तिशाली होती है जो आपके शरीर को चट्टान जैसी ताकत प्रदान करती है।
आयुर्वेद औषधालय गनियारी में पदस्थ डॉ कोमल धोटे ने बताया कि खेक्सी याने ककोड़ा या फिर इसे कंटोला भी कहा जाता है , यह गर्म तासीर वाली एक स्वादिष्ट सब्जी हैं। इसमें मौजूद मोमोरडीसिन तत्त्व व फाइबर की अधिक मात्रा शरीर के लिए रामबाण हैं। मोमोरेडीसिन तत्त्व एंटीऑक्सीडेंट , एंटीडायबिटीज और एंटीस्टे्रस की तरह काम करता है जबकि अत्यधिक फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त कर वजन व हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
आयुर्वेद में भी खैक्सी का बहुत महत्व है, यह सिरदर्द, बालों का झड़ना ,कान दर्द, खांसी, पेट का इंफेक्शन, बवासीर, पीलिया, डायबिटीज, दाद-खुजली, लकवा, बुखार, सूजन, बेहोशी, सांप काटने, आंखों की समस्या, केंसर, ब्ल्डप्रेशर जैसे कई भयानक रोगों में जबरदस्त पहुंचाता है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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