बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़)नालसा
के द्वारा दिये गये निर्देशानुसार वर्ष 2020 में नेशनल लोक अदालत के आयोजन के अनुक्रम में दिनांक 12 दिसम्बर, 2020 को माननीय न्यायमूर्ति श्री आर0पी0 मेनन, मुख्य न्यायाधीश, छ0ग0उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रशांत कुमार मिश्रा, न्यायाधीश, छ0ग0 उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष महोदय के निर्देशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन पूरे छत्तीसगढ़ में तहसील न्यायालय स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकारगण की उपस्थिति विडियो कान्फ्रेसिंग तथा स्वतः की उपस्थिति के माध्यम से उनके मामले में राजीनामा द्वारा उनके प्रकरणों का निराकरण किया गया। आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 5303 मामलों का निराकरण एवं कुल 496596762/- रूपये का अवार्ड पारित किया गया, जिसमें मोटर दुर्घटना दावा के कुल. 594. प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल. 275872194/- रू. का अवार्ड पारित किया गया, इसी प्रकरण दांडिक मामले 3262 पारिवारिक मामले 153, चेक बांउस के 536 मामलों का निराकरण किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में सर्वाधिक जिला न्यायालय रायपुर में 913 मामलों का निराकरण किया गया। जिला न्यायालय बिलासपुर में 699 प्रकरणों का निराकरण किया गया, वहीं जिला न्यायालय दुर्ग में 539 प्रकरणों का निराकरण किया गया। छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत में कई रोचक प्रकरणों में पक्षकारों ने उपस्थित होकर राजीनामा कर मामले का निराकरण किया गया। देवर भाभी के बीच सुलह -- दल्ली राजहरा, बलोद न्यायालय में एक प्रकरण देवर और भाभी के बीच फौजदारी विवाद का मामला चल रहा था, देवर अपनी भाभी पर इस बात पर नाराज हो गया कि भाभी ने उसके साथ उपस्थित दो लोगों के पाव छुए परंतु देवर के पाव नहीं हुए, इससे क्षुब्ध होकर देवर ने भाभी के साथ मारपीट कर दी और गाली वगैरह दी। मामला न्यायालय में पहुंचा पक्षकारों को न्यायाधीश द्वारा समझाईस दिये जाने के पश्चात देवर ने भाभी से माफी मांगी और मामले में सुलह कराया गया। 8 वर्श से पृथक रह रहे पति पत्नी के मध्य समझौता -- कुटुम्ब न्यायालय बिलासपुर में चल रहे एक प्रकरण में पति और पत्नी के बीच विवाद चल रहा था। दहेज के मामले का लेकर दोनों के परिवार मे विवाद काफी लम्बा हो गया था। 8 वर्श से अलग रह रहे पत्नी पति का ये मामला 3 वर्षों से न्यायालय में लंबित था। न्यायालय द्वारा भरण पोषण दिये जाने का आदेश जारी किया गया था, परंतु पति द्वारा इस का पालन नहीं किया जा रहा था। विडियो कांफेसिंग के माध्यम से पुनः दोनों पक्षकारों से चर्चा की गई। अंत में दोनों एक साथ रहने के लिये राजी जो गए। जिला न्यायालय कोरबा में मो. यासिन मेमन वि0 मोह.जुनैद मेमन के मध्य एक दीवानी प्री-लिटिगेशन मामला लंबित था। श्री प्रवीण कुमार प्रधान अपर जिला न्याया0 के न्याया0 में लंबित था । इसमें वादी के पिता हाजी इस्माईल के द्वारा अपने जीवन काल में अपने संपत्ति का अपने पत्नी एवं पुत्रों के बीच पारिवारिक व्यवस्था पत्र के द्वारा 1993 में पारिवारिक व्यवस्था कर दिया था जिस पर विवाद होने की संभावना को मददेनजर रखते हुए पक्षकारों ने लोक अदालत में प्री- लिटिगेशन के रूप में मामला लाकर अवार्ड प्राप्त किया। जिला न्यायालय कोरबा में ही एक अन्य मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण में श्रीमती रूबीना एवं उसके दो अव्यस्क बच्चों तथा सास द्वारा मोटर दुर्घटना दावा श्रीराम जनरल इंश्यो0कं0 पर किया था। आवेदिका के पति शेख नईम मोहम्मद की मोटर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। लोक अदालत में समझौता करने के पश्चात जिला न्याया0 श्री राकेश बिहारी घोरे की अदालत में 70 लाख रूप्ये का अवार्ड पारित किया गया। कोरबा के निकट दीपका स्थित एसईसीएल की दीपका कॉलरी द्वारा अधिग्रहण की गई जमीन का विवाद पक्षकारों द्वारा सहमति के आधार पर पाली न्यायालय से निराकरण हुआ, जिसमें पक्षकारों के द्वारा नौकरी के लालच में प्रकरण न्यायालय में लाये गये थे। बलोद न्याया0 में जनपद सदस्या सुश्री अमृता नेताम का यूनाईटेड इंडिया इंश्यो0कं0 के साथ मोटर दुर्घटना मामले में भी समझोता हुआ। जबकि इसी न्याया0 में एक 75 वर्शीय वृद्ध का श्री विनोद कुजूर जिला न्यायाधीष के द्वारा समझाईस दिये जाने पर बजाज इलायेंज इंश्यों0क0 के द्वारा क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का समझौता हुआ। इसी प्रकार बालोद जिले में ही पीठसीन अधिकारी महेश कुमार पात्रे के न्याया0 में 70 वर्षीय वृद्ध ने भरण पोशण के एक मामले में अपने पुत्र के साथ समझौता कर लिया। जिला न्याया0 कांकेर में पति-पत्नी के बीच में अपनी छोटी सी पुत्री के उज्जवल भविश्य को देखते हुए न्यायाधीश की समझाईस पर साथ में रहने का सकारात्मक कदम उठाया गया। वहीं इसी न्यायालय में दो भाईयों मध्य विवाद लंबित था, जिसमें आयेजित लोक अदालत में पूरा परिवार उपस्थित था, परिवारजनों की उपस्थिति एवं न्यायाधीश के समझाईस पर दोनों भाई अपने फौजदारी प्रकरण में समझौत किये, वहीं इसी न्यायालय में दो पडोसियों के मध्य गंभीर विवाद का निराकरा समझौते के द्वारा किया गया। आज की लोक अदालत में छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में 101 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी की खण्डपीट से 56 तथा माननीय श्रीमती रजनी दुबे की खण्डपीट से 45 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें 98 मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरणों में 2 करोड 38 लाख 36 हजार रूप्ये का अवार्ड पारित किया गया। जिला न्यायालय अंबिकापुर में दो भाईयों के मध्य 5 वर्शो से फौजदारी मामला लंबित था जिसमें एक भाई सौनाथ द्वारा जमीन पर उरदा फसल बोई गई थी, उसी जमीन पर दूसरे भाई गेंदादास के द्वारा मक्का बो दिया गया। जिसके संबंध में वह गांव के कोटवार के साथ भाई के घर गया, जहां दोनों भाईयों के मध्य विवाद वमारपीट हुआ। आज न्यायालय में छोटे भाई ने बड़े भाई से हाथ जोडकर माफी मांगी और पटाक्षेप किया गया ।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में 101 प्रकरणों का निराकरण 02 करोड, 38लाख 36 हजार रूप्ये का अवार्ड पारित आज की लोक अदालत में छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में 101 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी की खण्डपीट से 56 तथा माननीय श्रीमती रजनी दुबे की खण्डपीट से 45 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें 98 मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरणों में 2 करोड 38 लाख 36 हजार रूप्ये का अवार्ड पारित किया गया।
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