अवैध वसुली से अग्रवाल दंपति आहत

आमजनता की कोई सुनवाई नहीं – जनप्रतिनिधि मौन

नगर पंचायत में चल रही है बाबूगीरी – जनता में आक्रोश

नगर के सड़क से लेकर चौक चौराहे अंधेरे में डूबा

घरघोड़ा – (श्याम भोजवानी वायरलेस न्यूज़)

छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से जब से नगर पंचायत घरघोड़ा अपने अस्तित्व में आई है, तब से प्रदेश में नगर पंचायत घरघोड़ा अपने अच्छे व खराब कार्यकाल के लिए सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने का रिकॉर्ड है, इस कार्यकाल ने तो नवीन कीर्तिमान अर्जित कर लिया ना? जनता आज कहने में मजबूर हो रहे हैं कि इससे व्यवस्थित कार्य तो ग्राम पंचायत समय होती थी? जहां जनता के हितों का ख्याल तो होता रहा, नगर पंचायत बनने से जनमानस में नगर को चहुंमुखी विकास की आस थी और जो सपना लोगों ने देखा था वह आज अपनी दुर्दशा पर नगर पंचायत को कोस रहे हैं, नगर की जनता आज इतनी दुखी हो चुकी है कि नगर पंचायत को भंग करने की मांग तक करने लगी है?
मामला नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड क्रमांक 11 का है जहां श्रीमती मधुबाला अग्रवाल पति गोपाल अग्रवाल जिनका मकान 40/20 वर्ग फुट में स्थापित है जो नगरपालिका नियमों में संपत्ति कर से बाहर है यह राज्य शासन के नगरीय प्रशासन राजपत्र में उल्लेख है ? नल-जल कर उस व्यक्ति का 60 रूपए माह के हिसाब से कर वसूली करना चाहिए परन्तु संदर्भित परिवार से 180 रूपए व 25 प्रतिशत ब्याज के रूप में अवैध वसूली किया जाता है जिसका रसीद भी उपलब्ध है ?
आज नगर पंचायत घरघोड़ा बाबूशाही से त्रस्त है मुख्य नगर पालिका अधिकारी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष एमआईसी बाबू के कंधे पर नगर पंचायत चला रहे हैं जिसके कारण वर्षों से 25 प्रतिशत ब्याज की दर से वसूली करने से लाखों रुपए जनता की गाढ़ी कमाई जनता की जेब से जा रही है जिसका विरोध एक वर्ग करती रही है और इस फैसले का विरोध स्वरूप अवैध 25 प्रतिशत ब्याज पटाने से इन्कार करते हैं जिससे आज भी पुर्ण रूप से नगर पंचायत कर नहीं पटने से लाखों रुपए भुगतान राशि बकाया है।
वर्तमान नगर पंचायत के बही खाता में विभिन्न कर का 50 लाख रुपए से अधिक का राशि नगरीय क्षेत्र से वसूल करना बाकी है फिर भी नगरपंचायत मुकदर्शक बनकर इस लिए खड़ा है क्योंकि मनमाने ढंग से बिना विचारे एकाएक नगर पंचायत परिषद ने राशि बड़ा दिया गया है। जिसके विरोध में जनता खड़ी हो गई है और नगर पंचायत की आर्थिक स्थिति खराब होने की कगार में है, आज सहज रूप से इस व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाता है तो अवश्य ही नगरवासियों का सहयोग मिलेगा वह नगरपंचायत की खस्ता हाल माली स्थिति में सुधार होगी, नगरवासियों के एक पैसे का हिसाब पारदर्शिता के साथ होना चाहिए यह अधिकार हर व्यक्ति को स्वतंत्रत रूप से मिलना चाहिए जिससे नगर पंचायत की आय में वृद्धि होगी एवं शत् प्रतिशत कर जमा होगा इस कारण नगर विकास में हर पार्षद अपने वार्ड के मुलभूत आवश्यकता को पूरा कर सकता है।
आज की परिस्थिति में नगर पंचायत घरघोड़ा का कार्यकाल सबसे खराब कहा जायेगा नगर में जहां चारो ओर विद्युत व्यवस्था फेल हो चुकी है नवरात्र हो या दीपावली सड़कों पर अंधेरा पसरा हुआ है, शाम होते ही लोग बाहर निकलने से डरते हैं, गल्ली महोलों में रोशनी की व्यवस्था नहीं जहां एक समय हर परिस्थिति को ध्यान में रख कर विद्युत व्यवस्था किया गया था वहां आज अंधेरा छाया है जिसके कारण आज मुख्य तलाब बागमुडा मार्ग अंधेरा है जहां नवरात्र में सैकड़ों श्रद्धालुओं की कलश यात्रा से लेकर विसर्जन में आना जाना होता है आम रास्ता होने से लोग आते जाते रहते हैं फिर भी लाखों रूपए की खंभे और लाइट अपनी दुर्दशा पर आंसु बहाते दिख रहें हैं, अव्यवस्था गंदगी कचरों से भरा सड़क किनारे अतिक्रमण से स्वक्षता अभियान पर सवाल खड़े होते हैं, नगर के भीतर सड़कों पर अतिक्रमण पर कार्यवाही नही होने से बालु गीट्टी छड़ ईंट बिखरा हुआ है जिससे रोज आमजन दो-दो हाथ कर परेशान होती रहती है, आज नगर सरकार निष्ठुर हो चुकी है जिसके कारण जन भावनाओं की ? जन सरोकार की कोई सुनवाई नहीं है आमजन परेशान हैं अव्यवस्था भ्रष्टतंत्र व जनप्रतिनिधियों की अंदेखी से आखिर कब सुनवाई होगी कब व्यवस्था सुधार होगा जनता पुछने लगी है, नगर के समस्याओं व मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ती के संचालन के लिए तो ही जनता ने नगर सरकार को चुना है अपने बीच से वार्ड पार्षद बनाकर जनप्रतिनिधि भेजी है, फिर भी जनमानस का कार्य नहीं होना? आवश्यक सुविधाओं का पालन ना कर पाना नगर इतिहास में काला कार्यकाल कहलाने वाली है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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