कोरबा (वायरलेस न्यूज़) एसईसीएल की कुसमुण्डा कोयला परियोजना खदान में कार्यरत कर्मचारी दहशत के साये में ड्यूटी कर रहे हैं। कोल माफियाओं का आतंक यहां सिर चढ़कर बोल रहा है और कब, किस वक्त कर्मियों पर हमला हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। बीते दिनों कोल माफिया द्वारा उसके मनमाफिक कार्य नहीं करने पर डम्फर आपरेटर को बेरहमी से पीट दिया गया।

कुसमुण्डा खदान में डम्पर आपरेटर मोहम्मद जावेद पिता मोहम्मद हनीफ के साथ 24 दिसंबर को शाम 4 बजे यह घटना हुई। वह सरफेस माईनर फेस में कोयला लोड डम्फर क्रमांक-बीएमएल-824 को लेकर 29 नंबर डम्पिंग में पहुँचा तब वहां 3-4 की संख्या में कोयला दलाल पहुँचे। इनमें से एक दलाल डम्पर में चढ़ गया और जहां हम बोलते हंै वहां पर कोयला क्यों नहीं गिराते हो कहते हुए मारपीट करने लगा। उक्त दलाल के साथ में आए अन्य लोगों द्वारा गाली- गलौज किया जा रहा था। एक दलाल ने जेब से 5 सौ का नोट निकाल ऑपरेटर की ओर बढ़ाते हुए वीडियो बनाते हुए कहने लगा कि कहीं बोलेगा तो यह वीडियो वायरल कर देंगे। मारपीट से मोहम्मद जावेद को चोटें आई हंै। कोयला दलालों द्वारा मारपीट के दौरान डम्पिंग में कोई भी सुपरवाइजर नहीं था न ही कोई अधिकारी। पीड़ित ने महाप्रबंधक से घटनाक्रम की शिकायत करते हुए कहा है कि डम्पिंग में कोल माफियाओं व दलालों का मेला लगा रहता है जबकि खदान के अंदर बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है। कर्मचारी से तैनात गार्ड द्वारा आई कार्ड मांगा जाता है, फिर ये बिना कार्डधारी अनाधिकृत लोग खदान के भीतर कैसे पहुँच जाते हंै? खदान के भीतर त्रिपुरा स्टेट रायफल कंपनी को सुरक्षा हेतु नियुक्त किया गया है, किंतु कोयला डम्पिंग में उनकी ड्यूटी नहीं लगाई जाती। खदान प्रबंधक द्वारा इस ओर निष्क्रियता बरतने के कारण कोल माफियाओं के हौसले काफी बुलंद हैं। पीड़ित ने डम्पिंग में गार्ड की तैनाती एवं अनाधिकृत लोगों के खदान के भीतर प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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