बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) मनोहर टॉकीज के पीछे जूना बिलासपुर निवासी 85 वर्षीय कलावती दुसेजा का निधन गत मंगलवार को हो गया.उनकी इच्छा थी की मरणोपरांत उनकी दोनों नेत्र जरूरतमंदों को दान किया जाए, इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस गमगीन माहौल में भी उनके सुपुत्र विजय दुसेजा ने अपनी मां की अंतिम इच्छा को पूरी करते हुए हैंड्स ग्रुप से संपर्क किया एवं ग्रुप के मनोहर वाधवानी सिम्स की डा.प्रिया एवं बंसी के संयुक्त प्रयास से उनके निवास स्थान जाकर सफल नेत्रदान करवाया गया.इस प्रकार अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करने के बाद भी जाते-जाते उनका जीवन रोशन करके गई जिन्होंने आज तक इस सुंदर दुनिया को देखा तक नहीं था एवं अपने अंधकार जीवन जीने को विवश थे.मां कलावती दुसेजा के नेत्रदान से दो लोगो का जीवन उमंग से भर जाएगा.जन मानस को बुजुर्गों से प्रेरित होकर जन कल्याण के लिए आगे बढ़ चढ़ कर पहल करनी चाहिए
करोना महामारी के कारण विगत 2 वर्षों से नेत्रदान बंद था
मां ने नेत्र दान करके लोगों के लिए रोशनी की नहीं किरण लेकर आई
जिंदगी भर सेवा के कार्य के लिए प्रेरित करती रही समाज सेवा से जुढा पत्रकारिता में लेकर आई
सत्य की राह पर चलना सिखाया दूसरों की सेवा में ही अपनी खुशी समझी हमेशा दूसरों को देना है सिखाया हमेशा बाटती रही
गरीबी देखी लेकिन कभी भी गलत राह पर अपने पुत्र को चलना नहीं बताया मेहनत मजदूरी कर कर अपनी औलाद को पाला पोषा बड़ा किया हमेशा धर्म और सत्य की राह पर चलती रही शब्द कर्मों से जुड़ाव रहा
चेहरे पर हमेशा मुस्कान रही
दिल में हजारों गम थे तकलीफ इतनी परेशानी थी फिर भी मुस्कुराना सिखाया जाते-जाते भी लोगों को रोशनी की नई किरण दे गई बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने लिए नहीं दूसरों के लिए जीते हैं जो धर्म और सत्य की राह पर चलते हैं

पानी पानी होता है गंगाजल कुछ और है माय तो लाखों हैं पर ममतामयी मां करोड़ों में एक होती है और वह है परम पूजनीय ममतामई मां कलावती दुसेजा