बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) याचिकाकर्ता बिलासपुर जिले के ग्राम बारीडीह निवासी देवनाथ सिंह जगत को ग्राम पंचायत सचिव के पद पर बहाल न करने के विरुद्ध दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायलय ने दो माह के भीतर बहाल करने के निर्देश दिए है
मामला इस प्रकार है की ग्राम बारीडीह के मजदूरो के मजदूरी के भुगतान एवं निर्माण कार्य के सम्बन्ध में सरपंच, उप-सरपंच एवं सचिव को सयुंक्त रूप से शासन द्वारा निर्माण कार्य हेतु राशी का आबंटन किया गया था जिस पर सरपंच उप सरपंच एवं सचिव द्वारा मूल्याकन अनुशार कम रुपयों का कार्य सम्पादित कर अनाधिकृत रूप से आहरण कर स्वयं के हीत में उपयोग कर शासकीय राशी का दुरूपयोग किये जाने की शिकायत के आधार पर थाना रतनपुर जिला बिलासुर के द्वारा सरपंच एवं सचिव देवनाथ जगत के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया जिसके तहत संयुक्त संचालक पंचायत एवं समाज कल्याण के द्वारा देवनाथ जगत को निलंबित कर दिया गया शासकीय राशी के दुरूपयोग के सम्बन्ध में भारतीय दंड सहिंता की धारा के तहत अपराध विवेचना में लिया गया जिसकी सुनवाई न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोटा जिला बिलासपुर के न्यायलय में संपन्न हुयी एवं विचारण पश्चात माननीय न्यायलय ने सरपंच एवं सचिव देवनाथ को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया| दोषमुक्ति पश्चात पंचायत सचिव देवनाथ जगत द्वारा अपने वरिष्ट अधिकारी उप संचालक पंचायत बिलासपुर के समक्ष अपनी सेवा के निलंबन से बहाली हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था पर उपरोक्त आवेदन में उप संचालक द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गयी जिससे क्षुब्द होकर देवनाथ के द्वारा पंचायत सचिव के पद पर बहाली हेतु अपने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, नरेन्द्र मेहर एवं दीक्षा गौरहा के माध्यम से माननीय उच्च न्यायलय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत की गयी, जिस पर माननीय उच्च न्यायलय की एकल पीठ न्यायमूर्ति श्री पी सैम कोशी जी ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन के सचिव एवं उप-संचालक पंचायत विभाग को निर्देशित किया की याचिकाकर्ता के निलंबन से बहाली सम्बंधित दावे को दिनांक 30.11.२०१८ को पारित हुए निर्णय को परिपेक्ष में रखते हुए विगत दो माह के भीतर बहाल करने के निर्देश दिए है