बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) पंचायत तथा ग्रामीण विभाग में संविदात्मक पदो पर बिलासपुर, बेमेतरा रायगढ़, रायपुर, जांजगीर-चाम्पा आदि जिलो में सेवा कर रहे तकनीकी सहायकों प्रशांत संह कुरै, नरेंद्र कुमार तोनद्रे, ल लत कुमार सूर्यवंशी एवं अन्य की पिछली सेवाओं के कार्य अनुभवों के आधार पर उन्हें बोनस अंक देने के लिए विचार किये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय ने जल संसाधन विभाग को निर्दे शित करते हुए याचिका निराकृत की

हाईकोर्ट में पंचायत विभाग के संविदा तकनीकी सहायकों द्वारा दायर याचिका को निराकृत करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ माननीय जस्टिस पी. सैम कोशी द्वारा जल संसाधन विभाग को निर्देशत कया की भर्ती प्रक्रिया के फाइनल होने से पहले या चककर्ता द्वारा दिए गए अभ्यावेदन का अवलोकन उनके पूर्व कार्य अनुभव को मान्य करते हुए 3 चत निर्णय लया जाए।
14.03.2022 को जल संसाशन विभाग द्वारा उप अ भियंता के स्वीकृत पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ जिसमें की पूर्व कार्य अनुभव के लिए कोई अंक नई आबंटित किया गया था जिससे की या चिकाकर्ताओं के पूर्व कार्य अनुभव को कोई महत्व नहीं दी जा रही थी इस विज्ञापन में भी उप अभियन्ता के पदों पर कार्य कर चुके अभ्यर्थियों के लिए या उनके पिछले कार्य अनुभवों के बोनस अंको का कोई अवसर नहीं था। यह भी पिछले 7-8 वर्षों से सेवा कर रहे उप अभियन्ताओं या उनके समकक्ष तकनीकी सहायकों के मूलभूत अधिकारों का हनन है।
जिसके चरुद्ध या चिककर्ताओं ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की जिसकी पैरवी अ धिवक्ता मतीन सिद्दीकी के द्वारा की गई जिसमे की यह बताया गया की विकास आयुक्त कार्यालय के ग्रामीण शिक्षा सेवा के मुख्य अभियंता द्वारा 01 जनवरी 2014 को उप अभियंता (सिविल) के पदों पर सीधी भर्ती हेतु एक विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया। इस विज्ञापन में की प्रक्रिया पिछले कार्यानुभव के आधार पर निर्धारित की गई थी। विज्ञापन के एक खण्ड में अभ्यर्थियों के चयन इनकी भौक्षिक योग्यताओं, अनुभव और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाना निर्धारित किया गया विज्ञापन में यह भी कहा गया था कि पिछला कार्यानुभव तत्संबंध में संबंधित होने पर ऐसे अभ्यर्थियों को यह लाभ मिल सकेगा।
मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासण विभाग द्वारा अगस्त 2018 में प्रका शत परिपत्र में संविदाकर्मियों या ● अधिकारियों को नियमित पदो पर नियुक्ति पाने का मौका प्रदान करने की निर्देशआत्मक नीति जारी की गई थी। इस परिपत्र को ध्यान में रखते हुए माननीय उच्च न्यायलय ने जल संसाधन
विभाग को छूट देते हुए संविदा तकनीकी सहायकों के हित में भर्ती प्रक्रिया समाप्त होने के पहले उचत निर्णय लेने का आदेश कया है
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