बिलासपुर (अमित मिश्रा संपादक वायरलेस न्यूज़)

बदलते समय के साथ आवागमन में बाघों का भी मिजाज बदल रहा है।एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए बाघ नए रास्तों का चुनाव कर रहे है।
ताजा मामला मध्यप्रदेश के बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व की एक बाघ छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में पहुंचने की पुख्ता खबर हाथ लगी है जो 2019 से बाँधवगढ़ से लापता हो गई थी जिसे 2022 में पहली बार अचानकमार टाइगर रिजर्व के ट्रेप कैमरे में रिकॉर्ड की गई थी जो बाँधवगढ़ की लापता बाघ “झुमरी” ही है। हालांकि अचानकमार के अफसर इसे एटी8 के नाम से जानते है।

अब दोनों स्थान के अधिकारी समझ चुके है कि बाँधवगढ़ की झुमरी ने अपना आशियाना बदल लिया है। और स्थाई तौर पर रहने लगी है अधिकारी भी इस पर अपनी नजर लगातार बनाए हुए है।
दोनों तरफ के वन अधिकारी भी इसे अच्छा मान रहे हैं, और जानकारी जुटाने की बात कर रहे हैं, साथ ही इसपर रिसर्च भी की जा रही है।
खासबात यह है कि छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में एक जंगल से दूसरे जंगल के बीच बाघों के आवागमन के अध्ययन के आधार पर वन विभाग ने सर्वाधिक कनेक्टिविटी और कम कनेक्टिविटी का क्षेत्र चिन्हित किया गया है , ताज्जुब की बात यह है कि अध्ययन में बाँधवगढ़ से अचानकमार बेहद कम कनेक्टिविटी मार्ग में शामिल हैं। इसके बाद भी बाघ आवागमन इस मार्ग का चयन कर रहे हैं तो यह बात चौकाने वाली है।
बाघों के आवागमन के आधार पर वन विभाग द्वारा तैयार नक्शा इसमें लाल निशान का क्षेत्र बाघों के सर्वाधिक कनेक्टिविटी का मार्ग है।
वन विभाग की कोशिश है कि ऐसे स्थान पर टाइगर कॉरिडोर विकसित कर ऐसा माहौल तैयार किया जाए की बाघों के आवागमन के रास्ते में पड़ने वाले नेशनल हाईवे व रेलमार्ग पर भी बाधाएं नहीं आए।
*बाघ गणना में मिले हैं पगमार्क*
मध्यप्रदेश के शहडोल वन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हमारे वन कर्मियों को वन क्षेत्र घुनघुटी और मालाचुवा में झुमरी के पगमार्क रिकॉर्ड भी किए गए है, बाँधवगढ़ से अचानकमार के बीच बाघों के आवागमन को इस बात से भी बल मिलता है।
*इनका कहना है…
रवि पाठक ( बाँधवगढ़ वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर) –
ने बताया कि ‘झुमरी’ स्पॉटी की बच्ची है , स्पॉटी ने 2016 में तीन बच्चों को जन्म दी थी जो क्रमशः कजरी, सुंदरी,और झुमरी, तीनो बहन है । 2019 में ही मध्यप्रदेश सरकार ने ओड़िसा राज्य सरकार को सुंदरी को सतकोशिया टाइगर रिजर्व में भेज दिया था तभी से झुमरी के भी गायब हो जाने की खबर थी , और तीसरी कजरी अभी भी बाँधवगढ़ में ही है। मगर इतने लंबे अंतरालों के बाद पता चला कि बाँधवगढ़ की झुमरी गायब यहां से जरूरी हुई लेकिन इस बात का शकुन मिला कि वो सुरक्षित छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में देखी गई है मैं इसे दावे के साथ कह सकता हूँ कि 3 जून 22 को अचानकमार में ट्रेप कैमरे पर दर्ज बाघ ही अपनी झुमरी ही है। रवि पाठक ने बताया कि स्पॉटी के तीनों बच्चों का नाम भी मैंने ही दिया है जो शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज है।
श्री एस जगदीशन (फिल्ड डायरेक्टर आचानकमार टाइगर रिजर्व ) -ने भी पुष्टि की है कि 3 जून 2022 को कैमरे में दर्ज तस्वीर बाँधवगढ़ की झुमरी के फार्मेट के अनुसार ही है लेकिन इसकी पुष्टि एनटीसीए को करनी है हालांकि इसे पहली बार हमारे वन कर्मियों ने देखा तब इसका नाम यहाँ एटी 8 दिया गया है। इसे हम इसी नाम से जानते है।
श्री शुभरजंन सेन (एपी सीसीएफ वाइल्डलाइफ भोपाल) –प्रारम्भिक तस्वीरों के मिलान के साथ ही इस बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है, बाँधवगढ़ के बाघ अगर अचानकमार तक विचरण करते है तो यह अच्छी बात है, हमारी कोशिश होगी कि इनके आवागमन को सुरक्षित रखे जाएं।
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