बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) सरकार नीति तो बना लेती है पर वो सिर्फ कागज़ में रह कर संदूक में पड़े रहती है।।
योजना बनती जनता के लिए हैं और सरकारी कर्मचारी जनता को छोड़ अपना भला कर लेते हैं।
ठीक इसी तरह बिल्हा के सहकारी बैंक का हाल है।
यहां बैंक के खातादार 22000 हैं ।
बैंक पर आश्रित लगभग 85 गांव हैं।
ग्रामीणों को यहां अपने ही पैसे निकलने के लिए दिनों दिनों तक लाइन लगाना पड़ता है , तब जा कर इनका पैसा मिलता है।
खाताधारकों के अनुसार इस बैंक में पर्याप्त काउंटर की सुविधा नहीं है , सिर्फ 1 काउंटर खुला रहता है और अत्यधिक भीड़ रहती है।।
पासबुक प्रिंटर एवम लेजर खाता प्रिंटर भी एक ही है , जो आए दिन बिगड़ा रहता है।।
एक बार प्रिंटर को बनवाने के लिए 2 हफ्ते तक लग जाता है, और बिलासपुर बनने जाता हैं।
पासबुक पिछले कई वर्षो से छपा नही हैं, पासबुक न छपे रहने से ग्राम वासियों को पता नहीं चलता अकाउंट में पैसा कितना है और इस कारण से भी भीड़ और अव्यवस्था का आलम रहता है।
एक बार में या 1 दिन में आप सिर्फ ₹49000 ही निकालने की अनुमति देते हैं।
बैंक के कई कर्मचारी चाय पानी का पैसा बोलकर ₹500 तक ग्रामीणों से और किसानों से ले लेते हैं ।
आम आदमी पार्टी इस विषय पर शीघ्र कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देगी।।
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