बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) जिला रायगढ़ में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ सुश्री रेवती जाँगड़े की सेवा समाप्ति मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका में राजस्व एवं आपदा विभाग और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

मामला इस प्रकार था कि वर्ष 2013 में नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त श्रीमति रेवती जाँगड़े को बिना पूर्व सूचना के अनाधिकृत रूप से अपने कार्यालय में लम्बे समय तक अनुपस्थित रहने का कारण दर्शाते हुए माह अप्रैल 2022 को सेवा समाप्ति का आदेश विभाग द्वारा पारित कर दिया गया था। जिससे व्यथित होकर श्रीमति जाँगड़े ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, नरेन्द्र मेहेर और अनादि शर्मा के माध्यम से चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर करवाई थी।

याचिकाकर्ती के विद्वान अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने याचिका में यह तर्क दिया कि याचिकाकर्ती के खिलाफ कार्यवाही करते समय विभाग ने स्वयमेव यह मानते हुए कि याचिकाकर्ती ने पूर्व में जो अवकाश लिया था, उसे त्यागपत्र मानते हुए याचिकाकर्ती की सेवासमाप्ति का निर्णय लिया था। जबकि श्रीमति जाँगड़े ने स्वयं कभी भी त्यागपत्र विभाग के समक्ष पेश नहीं किया था, बल्कि वह मेडिकल अवकाश में थीं जहाँ तक उक्त विषयांकित प्रकरण में बिलासपुर सम्भाग, बिलासपुर के अभिमत / अनुशन्सा का प्रश्न है. इस संबंध में सुश्री रेवती जाँगड़े की व्यक्तिगत / पारिवारिक समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शासन स्तर पर सकारात्मक निर्णय लिए जाने की अनुशन्सा की थी। अधिवक्त मतीन सिद्दीकी द्वारा यह भी तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ती को सुनवाई का पर्याप्त व समुचित अवसर न दिया जाकर और बिना किसी विभागीय जाँच के सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया जाना न्यायसंगत नहीं है।

याचिका की सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की एकलपीठ में हुई। मामले की गम्भीरता को देखते हुए और उपरोक्त तर्कों के आधार पर माननीय एकलपीठ ने सचिव एवं अवर सचिव राजस्व आपदा विभाग, बिलासपुर सम्भाग के सम्भागायुक्त तथा रायगढ़ कलेक्टर को नोटिस कर जवाब तलब किया।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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