जिला अस्पताल धमतरी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश सूर्यवन्शी को कार्यमुक्ति आदेश के क्रियान्वयन पर रोक

बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) धमतरी के जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश सूर्यवन्शी की पदोन्नति नेत्ररोग विशेषज्ञ के पद पर करते हुए उन्हें जिला अस्पताल कोण्डागाँव वस्तर पदस्थापना के खिलाफ दायर याचिका हाईकोर्ट ने मन्जूर करते हुए पदस्थापना और कार्यमुक्ति के दोनों आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।

डॉ. राजेश सूर्यवन्शी, वर्तमान में चिकित्सा अधिकारी के पद पर जिला अस्पताल धमतरी में पदस्थ हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छ.ग. शासन ने 18 मई 2022 को डॉ. सूर्यवन्शी, चिकित्सा अधिकारी की पदोन्नति नेत्ररोग विशेषज्ञ के पद पर करते हुए जिला चिकित्सालय कोण्डागाँव में पदस्थापित करने के आदेश जारी किए।

उक्त आदेश के बाद 21 जून 2022 को जिला अस्पताल धमतरी के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा एक रिलीविंग ऑर्डर जारी करते हुए डॉ. सूर्यवन्शी को कार्यमुक्त कर दिए जाने का आदेश भी जारी कर दिया। उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर डॉ. राजेश सूर्यवन्शी ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की।

मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामन्त जी की कोर्ट में हुई। याचिका में अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने आज माननीय हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए यह उल्लेख किया कि 27 जून 2019 को सामान्य प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी स्थानान्तरण – नीति के पदखण्ड 1.10 में शासकीय सेवा में कार्यरत् पति-पत्नि को एक स्थान पर पदस्थापित किए जाने के दिशानिर्देश के मुताबिक डॉ. सूर्यवन्शी की पत्नि श्रीमति संगीता सूर्यवन्शी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गुजरा, जिला धमतरी में चिकित्सा अधिकारी के पद पर सेवारत हैं। साथ ही डॉ. सूर्यवन्शी की माता भी 65 वर्ष की एक वृद्ध महिला है, जो कि उग्रसुलभ अस्वस्थता की शिकार हैं, जिनका नियमित ईलाज चल रहा है। इन कारणों से याचिकाकर्ता अपने वर्तमान पदस्थल से किए जा रहे पदोन्नति को अस्वीकार करते हुए विभाग को लिखित निवेदन भी कर चुका है।

सुनवाई उपरान्त माननीय उच्च न्यायालय ने सचिव अवर सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, संचालक, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ, छ.ग. शासन एवं जिला अस्पताल धमतरी के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को नोटिस जारी करने के साथ-साथ याचिकाकर्ता के मामले में अन्तरिम राहत प्रदान करते हुए पदोन्नति हेतु जारी कार्यमुक्ति आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी

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Amit Mishra - Editor in Chief
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