गौरेला पेंड्रा मरवाही/(वायरलेस न्यूज़) फेडरेशन के पांच दिवसीय हड़ताल से आफिस,स्कूल बंद— राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता तथा सातवें वेतनमान में गृह भाड़ा भत्ता कि दो सूत्रीय मांग को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय निकाय के आव्हान पर तृतीय चरण के आंदोलन दिनांक 25 जुलाई 2022 से 29 जुलाई 2022, पांच दिवस ( दो शनिवार तथा दो रविवार जोड़कर ) कुल नौ दिवस कलम बंद- काम बंद हड़ताल को सफल बनाने हेतु आयोजन किया जा रहा है। राजपत्रित अधिकारी संघ के डॉक्टर एस पी सोनी, राज्य कर्मचारी संघ के के बी दीक्षित,कार्यकारी जिला संयोजक कमाल खान, महासचिव आकाश राय ने जानकारी दी है कि दो सूत्रीय मांगों के लेकर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को 30 मई 2022 को चार चरणों के आंदोलन का नोटिस दिया जा चुका है। और वर्तमान में तीसरे चरण का आंदोलन 25 से 29 जुलाई पांच दिवस ( दो शनिवार दो रविवार जोड़कर ) कुल नौ दिवस प्रदेश के सरकारी दफ्तर एवं शालाये पूरी तरह से बंद रहेंगे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की महंगाई भत्ता को लेकर किए जा रहे कलम बंद- काम बंद हड़ताल का लगभग अधिकतर शिक्षक संगठनों ने भी समर्थन किया है। इसलिए 25 से 29 जुलाई तक सरकारी स्कूल में भी बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप रहेगी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रस्तावित आंदोलन में धीरे-धीरे अन्य संगठन भी जुड़ते जा रहे हैं। वर्तमान में कुल 80 संगठन इस आंदोलन में भाग लेने अपना समर्थन पत्र दे चुके हैं। पांच दिवसीय निश्चितकालीन हड़ताल में गौरेला, पेंड्रा,के सभी कर्मचारी- अधिकारी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन करेंगे। एवं तहसील मरवाही के कर्मचारी भी बंद कराते हुए जिला मुख्यालय पहुचेंगे।तथा अंतिम दिन 29 जुलाई 22 शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालय में महारैली निकाली जाएगी।एवं मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर जीपीएम को सौप जाएगा। जिसमें तहसील ब्लाक के कर्मचारी- अधिकारी भी सम्मिलित रहेंगे।यदि इन पांच दिनों की हड़ताल के बाद भी सरकार कर्मचारी- अधिकारी के महंगाई भत्ता पर कोई निर्णय नहीं लेती तो चतुर्थ चरण के आंदोलन जो अगस्त माह में होगा, प्रदेश के समस्त कर्मचारी-अधिकारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाएंगे।फेडरेशन के पदाधिकारी विश्वास गोवर्धन, एन एन तिवारी,अक्षय नामदेव,आर पी अहिरवार,एम पी रौतेल,दीपक तिवारी,सचिन तिवारी,नागेंद्र त्रिपाठी,ललित ध्रुव,इंद्रपाल चंद्रा,गजेंद्र रात्रे,लाल बहादुर कौशिक,आनंद श्रीवास,जनार्दन मंडल,अरविंद मराबी,प्रकाश रैदास, नंदा रेड्डी,ने जिले के सभी कर्मचारियों से संगठनात्मक एकता का परिचय देते हुए, आर-पार की लड़ाई मानते हुए इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।