जमानत दिलाने के नाम पर महिला से ठगी, आरोपी को टीआई मनीष नागर की टीम ने किया गिरफ्तार

महिला के आवेदन पर थाना प्रभारी कोतवाली किये त्वरित कार्रवाई, आरोपी निकला सजायाफ्ता शातिर ठग….. *रायगढ़* । एसपी अभिषेक मीना के मार्गदर्शन पर #कोतवाली पुलिस नगर कोतवाल मनीष नागर के नेतृत्व में सम्पत्ती संबंधी आर्थिक अपराधों के रोकथाम में प्रयासरत है, कई मामलों के आरोपियों को कोतवाली पुलिस द्वारा सलाखों के पीछे भेजा गया है । इसी क्रम में गत दिनों थाना कोतवाली पुलिस में हाईकोर्ट के क्लर्क (बाबु) बने एक व्यक्ति के द्वारा स्थानीय महिला से ठगी करने का मामला सामने आया । मामले में नगर कोतवाल द्वारा संज्ञान लेकर त्वरित कार्यवाही करने पर शातिर आरोपी कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में है । धोखाधड़ी को लेकर इंदिरा नगर रायगढ़ में रहने वाली महिला द्वारा पुलिस अधीक्षक रासगढ़ को लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया था । शिकायत आवेदन के जांच पर पाया गया कि महिला का भाई थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 172/19 धारा 363 , 366 ( क ) 376 ( ख ), 506 , 34 भादति 4.6 पाक्सो एक्ट 3(1)(12) एससी/एस.टी. एक्ट में सजा हुई है जिसके अपील बेल के लिए महिला (प्रार्थीया) प्रयासरत थी । इसी दौरान देवधारी लकड़ा महिला का मोबाइल नम्बर प्राप्त कर उसे बताया कि वह उच्च न्यायालय में बाबू, क्लर्क है तथा जजों से अच्छी पहचान है उसके भाई को बेल दिला सकता है इसके एवज में देवधारी लकड़ा द्वारा अलग-अलग तिथियों में दिनांक 02.05.2022 से 18.06.2022 के बीच फोन पे माध्यम से कुल 1,51,500 रूपये लिया । महिला के भाई का बेल नहीं होने की दशा में वह उच्च न्यायालय में जानकारी ली , तब पता चला कि देवधारी लकड़ा नाम का कोई भी व्यक्ति उच्च न्यायालय में कार्यरत नहीं है । जांच पर आरोपी देवधारी लकडा द्वारा उच्च न्यायालय के क्लर्क होने का प्रतिरूपण कर जमानत करने के नाम पर ठगी करना पाये जाने से आरोपी के विरुद्ध अपराध के 1360/2022 धारा 419 , 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । विवेचना दौरान पीड़ित महिला द्वारा आरोपी से मोबाईल से की गई बातचीत का वाईस रिकार्ड प्रस्तुत किया गया जिसमें देवधारी लकडा पीड़िता को उच्च न्यायालय का बाबू होना बता रहा है । पीड़िता के बैंक अकाउंट तथा रूपयों को ट्रांजेक्शन का जानकारी लिया गया, साथ ही आरोपी के मोबाइल नम्बर की जानकारी सायबर से प्राप्त कर तत्काल कोतवाली पुलिस की टीम आरोपी देवधारी लकड़ा को बेलगांव सीतापुर से गिरफ्तार कर थाना लाया गया । आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह वर्ष 2005-2006 में सीतापुर थाने में धारा 366 भादवि के मामले में चालान हुआ था जिसमें उसे सजा हुई थी, 4 साल जेल में था । वर्तमान में वह अपील बेल पर बाहर है लगातार कोर्ट के चक्कर लगाता था, इसी कारण उसे पीड़ित महिला की जानकारी मिली और वह न्यायालय का बाबू बनकर ठगी किया । आरोपी देवधारी लकड़ा पिता दोहन लकड़ा उम्र 40 साल निवासी बेलगांव सीतापुर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है । आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी में थाना प्रभारी मनीष नागर, प्रधान आरक्षक नंद कुमार सारथी, विक्रम चौरसिया की प्रमुख भूमिका रही है ।