कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ज़ारी कार्य मुक्ति आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त

बिलासपुर (, वायरलेस न्यूज) मामला इस प्रकार है कि कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक में शासकीय माध्यमिक शाला देवारी मैं पदस्थ सत्यपाल सिंह कंवर को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के आदेश दिनांक 9 मार्च 2023 द्वारा विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी कार्यमुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया गया कार्यमुक्ति आदेश के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के आदेश को निरस्त कर दिया
यह की सत्यपाल सिंह कंवर शिक्षक के पद पर शासकीय माध्यमिक शाला दुल्लापुर ब्लॉक पोंडी उपरोड़ा में पदस्थ थे छत्तीसगढ़ शासन के स्थानांतरण आदेश दिनांक 30 सितंबर2022 को उनका स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर शासकीय माध्यमिक शाला दुल्लापुर ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा जिला कोरबा से शासकीय माध्यमिक शाला देवारी ब्लॉक कटघोरा जिला कोरबा किया गया था, स्थानांतरण आदेश का पालन करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यपाल सिंह कंवर को 12 अक्टूबर 2022 को कार्य मुक्त कर दिया गया कार्यमुक्ति आदेश तथा छत्तीसगढ़ शासन के स्थानांतरण आदेश के तहत सत्यपाल सिंह कंवर द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला देवारी ब्लॉक कटघोरा मैं उपस्थिति,प्रधान पाठक के समक्ष दिया गया तब से लेकर उपरोक्त विद्यालय में अध्यापन का कार्य करते आ रहे थे और उनको वेतन भी प्राप्त हो रहा था किंतु जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के आदेश दिनांक 9 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 की कंडिका 3.1 मैं ऐसे ही स्थानांतरण नहीं किए जाएंगे जिस जिनके फलस्वरूप कोई स्कूल शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक हो जाए का उपबंध है जोकि स्थानांतरण नीति का उल्लंघन है का हवाला देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी कार्यमुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया गया साथ ही साथ खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यपाल सिंह कंवर को अपने पुराने साला में कार्यभार ग्रहण करने हेतु आदेश किया गया, इसके साथ साथ कोरबा जिले के अन्य ब्लॉक में पदस्थ शिक्षक प्रीतम लाल कुर्रे, शिवलाल कंवर, जय कुमार शर्मा, सियाराम बरेट, रामकृष्ण, विजेंद्र कुमार कवर, ईश्वर प्रसाद कौशिक, संदीप कुमार रिचारिया, उपेंद्र कुमार सिंह, ब्रिज भवन सिंह, विनोद कुमार जयसवाल, कृष्ण कुमार, प्रकाश चंद्र साहू के विरुद्ध भी आदेश पारित किया गया था जिससे परिवेदत होकर हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की जिसमें बताया गया कि स्थानांतरण अवधि के पश्चात किसी भी प्रकार का स्थानांतरण आदेश निरस्त या संशोधन किया जाना हो तो ऐसे निरस्तीकरण या संशोधन आदेश का प्रस्ताव समन्वय में प्रस्तुत किए जाएंगे तथा समन्वय में अनुमोदन के पश्चात ही संशोधन किए जा सकेंगे लेकिन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव प्रस्तुति नहीं किया गया था तथा जिला शिक्षा अधिकारी को कार्यमुक्ति आदेश निरस्त करने का अधिकार ही नहीं है याचिका में एक अन्य आधार यह भी लिया गया कि अभी तक स्थानांतरण आदेश मैं संशोधन या निरस्तीकरण नहीं किया गया है अर्थात उसका निष्पादन होते आ रहा है इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी तथा खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश निरस्त योग्य है मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडे के एकल बेंच में हुई कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा जारी कार्यमुक्ति आदेश को निरस्त कर मामले का निराकरण किया गया