*प्रसिद्व अंर्तराष्ट्रीय विशेषज्ञ पार्थो सारथी दत्ता दे रहे हैं प्रशिक्षण*

जशपुर (वायरलेस न्यूज)

जिले के प्रसिद्व पर्यटन स्थल देशदेखा में 1 करोड़ 26 लाख रूपए की लागत से एडवेंचर सपोर्ट्स प्रशिक्षण केंद्र का संसदीय सचिव यू डी मिंज ने फीता काट कर उद्घाटन किया।

इसके साथ ही जिले के 24 स्कूली छात्र छात्राओं को राम क्लाईम्बिंग का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। प्रशिक्षण,देश के प्रसिद्व पर्वतारोही पार्थो सारथी दत्ता और स्वप्नील दास दे रहें हैं। देशदेखा में,प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन करते हुए संसदीय सचिव मिंज ने कहा कि जशपुर,पूरे भारत का एकमात्र ऐसा जिला जहां हिमालयन की तराई वाले क्षेत्र के शीतल से लेकर राजस्थान तक के मरूस्थलीय क्षेत्र की गर्मी तक,सभी प्रकार के मौसम पाया जाता है। प्रकृति के इस वरदान को देखने,समझने और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि हरियाली से भरपूर जशपुर जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं,ऐसा हम बीते कई सालों से सुनते आ रहे थे। लेकिन,इस दिशा में ठोस पहल 2018 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही शुरू हो पाया। मुख्यमंत्री बघेल ने जिले को प्रदेश का आक्सीजोन घोषित करने के लिए पर्यटन हब के रूप में विकसीत करने का हर संभव सहायता दे रहें हैं। मयाली में वाटर और एयर एडवेंचर का अनुभव लेने के लिए संसाधन विकसीत किया जा रहा है। लोरो घाट में महादेव मंदिर और तिरंगा झंडा शिव भक्ति और देश भक्ति के अद्भुद संगम देखने को मिलता है। देशदेखा के संबंध में उन्होनें कहा कि यहां पर्यटक स्वयं को बादलों के बीच महसूस करते हैं। आदि मानवों की हलचल की निशानी देखा जा सकता है। देशदेखा,मयाली और मधेश्वर महादेव की प्राकृतिक सौंदर्य के सामने देश के मनाली,कुल्लू जैसे पर्यटन स्थल फिके पड़ जाते हैं। जरूरत है,जिले के इन पर्यटन स्थलों को प्रचारित करने की और पर्यटकों के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने की। कार्यक्रम में जनपद पंचायत जशपुर के सीईओ लोकहित भगत,आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्य विनोद गुप्ता,पर्वतारोहण प्रशिक्षक पार्थ सारथी दत्ता,स्वप्नील रेचरवाल सहित मिडियाकर्मी मौजूद थे। उद्घाटन के साथ ही देशदेखा में 24 स्कूली छात्र छात्राओं का राक क्लाईम्बिंग का प्रशिक्षण शुरू हो गया। पहले दिन प्रशिक्षक पार्थ सारथी दत्ता ने छात्रों को राक कलाइम्बिंग की बारिकियां समझाते हुए कहा कि यह खेल बहुत ही धैर्य का है। आप,राक कलाइम्बिंग के दौरान स्वयं को खतरे में डालते हैं। इस खतरे से स्वयं को सुरक्षित रखते हुए,उंचाईयों तक पहुंचना ही सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होनें प्रशिक्षुओं को जंगल में सुरक्षित रहने और गुम हो जाने पर सीटी बजा कर संकेत से अपने सार्थियों को बुलाने के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। दत्ता ने बताया कि इस खेल को ओलंपिक में भी शामिल कर लिया गया है। इसलिए,अब इस खेल में आगे युवाओं को कैरियर बनाने के लिए संभावनाएं और बढ़ गई है। उन्होनें मिडिया को बताया कि राक कलाईम्बिंग के लिए जशपुर के युवाओं की शारीरिक संरचना और क्षमता बेहद अनुकुल है। इसमें जो संसाधन लगते हैं वो थोड़े महंगे जरूर हैं। लेकिन,सरकारी सहायता और जुगाड़ से इसकी पूर्ति असानी से की जा सकती है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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