रायपुर (वायरलेस न्यूज़ 26 फरवरी 21) – छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा शहरों की भांति सुदूर ग्रामीण वनांचलों की पारेषण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने हेतु राज्य शासन की ऊर्जा नीति के अनुरूप उच्चस्तरीय प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे कारगर प्रयासों और सुनियोजित कार्ययोजना के बूते आज 132 के.व्ही. क्षमता की नवनिर्मित डी.सी.एस.एस. गेरवानी-घरघोड़ा लाईन को ऊर्जीकृत करने में पारेषण कंपनी को बड़ी कामयाबी मिली। उक्त जानकारी प्रबंध निदेशक श्री अशोक कुमार ने दी। आगे उन्होंने बताया कि 14.3 करोड़ की लागत से निर्मित इस लाईन के ऊर्जीकृत हो जाने से जशपुर, पत्थलगांव, बतौली जैसे सघन वनांचलों के गा्रमों को समुचित वोल्टेज पर विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी।
एम.डी. श्री कुमार ने बताया कि 25 किलोमीटर से अधिक उक्त अतिउच्च दाब लाईन को लेबर कांन्टेªक्ट बेसिस के आधार पर पूर्ण किया गया। छत्तीसगढ़ अंचल के जशपुर एवं आसपास की भौगोलिक संरंचना में नदी, पहाड़, जंगल की भरमार हैं। ऐसे क्षेत्रों में सघन वन और पहाडियों के बीच अतिउच्च दाब लाईनों का निर्माण चुनौती भरा कार्य होता है जिसे पूर्ण करके पारेषण कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी कार्यदक्षता को प्रदर्शित किया हैं। ऐसे अनथक प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में अतिउच्च दाब लाईनों की लंबाई 12 हजार 823 सर्किट किलोमीटर से अधिक हो गई है। ऐसी कामयाबी के लिए पारेषण कंपनी की टीम के कर्मी बधाई के पात्र है।
आगे उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश की विद्युत पारेषण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए चार दशक से अधिक पुराने ईएचटी उपकेन्द्रों के रखरखाव, कुशल प्रबंधन और बेहतर निगरानी को कार्यशैली में प्राथमिकता से शामिल किया गया हैं। इससे राज्य की पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.93 प्रतिशत दर्ज हो रही हैं जो कि एक कीर्तिमान है। साथ ही प्रदेश की पारेषण हानि 3.09 प्रतिशत से घट कर वर्ष 2019-20 में 2.96 प्रतिशत दर्ज हुई। यह तथ्य इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय करने के साथ-साथ उन्नत अधोसंरचना का समुचित विकास हुआ है।
समाचार क्रं. 18

WITH REGARDS,

VIJAY MISHRA
Addl. Gen. Manager (PUBLIC RELATIONS)
CHHATTISGARH STATE POWER HOLDING COMPANY LIMITED