रेल रोको आंदोलन मे शामिल कांग्रेसी नेताओं को नोटिस जारी
विडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर आरपीएफ भेज रहा नोटिस

फाइल फोटो 13 सितंबर 23 रेल रोको आंदोलन रायगढ़


बिलासपुर (अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज) लंबे समय से ट्रेनों की बिगडी चाल को लेकर बीते वर्ष 13 सितंबर को रायगढ रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन व स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने वाल सभी कांग्रेसी नेताओं पर कानूनी कार्रवाई शुरु हो गई है।

फाइल फोटो 13सितंबर 23 रेल रोको आंदोलन रायगढ़


आरपीएफ ने आंदोलन मे शामिल सभी नेताओं को उक्त तिथि की विडियो फुटेज से पहचान कर रेलवे एक्ट की धारा 174 ए के अंतर्गत नोटिस भेजना शुरु कर दिया है। यद्यपि कांग्रेसी इस कार्रवाई से हतप्रभ हैं और उनका कहना है कि उन्होने ना तो ट्रेन रोकी और ना ही कोई ऐसी गतिविधि को अंजाम दिया जिसमे रेलवे की सम्पत्ति को क्षति पंहुची हो !

फाइल फोटो 13सितंबर 23रेल रोको आंदोलन रायगढ़

जबकि आरपीएफ प्रभारी राजेश वर्मा के मुताबिक कांग्रेसी नेताओं के इस आंदोलन के कारण कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों का रुट बदलने की नौबत आ गई थी और रेल सेवा प्रभावित हुई थी।
इस कार्रवाई के संबंध मे जानकारी देते हुए आरपीएफ प्रभारी राजेश वर्मा ने बताया कि रेल आंदोलन से जुडे कई मामलों मे एकसाथ पूरे प्रदेश मे आर्डर आफ कमांड के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसमे केवल रायगढ ही नहीं बल्कि छग के अन्य जिले भी शामिल हैं। श्री वर्मा ने बताया कि रायगढ रेलवे स्टेशन पर 13 सितंबर 2023 को कांग्रेसी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसकी विडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर आंदोलन मे शामिल सभी लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। इस मामले में सभी अभियुक्तों को बिलासपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरपीएफ प्रभारी ने कहा कि आंदोलन के कई महीने बाद इस तरह कार्रवाई होने से कांग्रेस के नेताओं मे परेशानी नजर आना लाजिमी है।
चेहरा पहचानकर नोटिस तामिल-वर्मा
आरपीएफ प्रभारी राजेश वर्मा ने बताया कि बीते वर्ष सितंबर मे रायगढ रेलवे स्टेशन पर जिन कांग्रेसी नेताओं ने प्रदर्शन किया था उनके चेहरे घटना दिनांक के विडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरु हुई है। करीब आधा दर्जन को नोटिस जारी किया जा चुका है। यह कार्यवाही पूरे प्रदेश मे रेल बाधा से जुडे मामलों मे की जा रही है।
दबाव मे कार्रवाई-अनिल
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने कहा कि रेलवे स्टेशन में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने कहीं भी रेल सेवा या रेल सम्पत्ति को नुकसान नहीं पंहुचाया। कांग्रेसी नेताओं ने नारेबाजी करते हुए स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा था। अब इतने समय बाद किस दबाव मे और किस आरोप के अंतर्गत नोटिस भेजा जा रहा है ! यह आश्चर्यजनक है।