बिलासपुर (वायरलेस न्यूज)इस पूरे मामले की मीडिया को जानकारी देते हुए जमीन मालिक आदित्य गुप्ता ने बताया कि सन 1984 से व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी भवन के पीछे आदित्य के चाचा अनिल कुमार गुप्ता की 37 डिसमिल पैतृक जमीन है जिसका हिस्सा बंटवारा होने के बाद उसके चाचा अनिल गुप्ता ने उसे शेष 37 डिसमिल जमीन दिया था।आज भी भूस्वामी के पास जमीन से जुड़े अधिकृत तमाम दस्तावेज मौजूद हैं वही इस रिकार्ड को ऑनलाइन भी स्पष्ट देखा जा सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि बुलडोजर चलाने के पूर्व नगर निगम ने बीते 1 फरवरी को भू स्वामी के द्वारा किए गए बाउंड्री वॉल को अवैध बता कर वहां नोटिस चस्पा किया था। जिसके तुरंत बाद यानी कि दूसरे दिन भू स्वामी ने भी उस जमीन पर मालिकाना अधिकार और तमाम दस्तावेज के आधार पर हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर दिया था। याचिका के जवाब में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी नगर निगम को 7 दोनों का मोहलत देते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल के लिए निर्देश जारी कर जांच पड़ताल तक बाउंड्री वॉल यथावत रहने देने की बात कही थी।बावजूद इसके 14 फरवरी को नगर निगम ने उनके बाउंड्री वॉल पर एक सूची चस्पा कर सिरगिट्टी हल्का नम्बर 41 और खसरा नम्बर 31/1 को रेलवे के द्वारा अधिग्रहित करना बता दिया।और दूसरे दिन यानी कि 15 फरवरी को उसमे बुलडोजर चलवा दिया।

इसके बाद पीड़ित भू स्वामी फिर से कोर्ट के शरण में पहुंच गया और इस घटना की जानकारी दी। जिसके बाद कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करते हुए अमित कुमार और जोन क्रमांक 4 की कमिश्नर विभा सिंह को अवमानना का नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होकर जवाब प्रस्तुत करने निर्देशित किया। कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद नगर निगम के अफसरो में हड़कंप मच गया है। जमीन स्वामी ने बताया कि पहले नगर निगम के अफसर कहते हैं कि यह जमीन निगम की है और उसे अवैध तरीके से अलग-अलग टुकड़ों में 10 लोगों को बेच देते हैं ।उसके बाद जब जमीन मालिक के द्वारा तमाम दस्तावेज प्रस्तुत किया जाता है तो बाद में उसे जमीन को निगम की ओर से रेलवे के द्वारा अधिग्रहित कर लेना बताया जाता है।उन्होंने कहा कि अबतक लीगल दस्तावेज के आधार पर सुनवाई उनके पक्ष में हुई,,इसलिए वे चाहते है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
गौरतलब है कि नगर निगम के ऊपर किसी और की जमीन को खुद की बता कर अवैध तरीके से फर्जी वाड़ा कर बेचने का बड़ा गंभीर आरोप लगा है,,वहीं पीड़ित पक्ष ने तो नगर निगम के अधिकारियों को भू माफिया भी करार दे दिया है।आरोप है कि जिस तरह से नगर निगम के द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है पीड़ित पक्ष के पास उससे जुड़े तमाम दस्तावेज भी मौजूद है। वही अब तो कोर्ट ने भी नगर निगम के अफसरों को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है। इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए मीडिया ने नगर निगम के अफसरों से भी संपर्क करना चाह लेकिन अफसरों ने इस संबंध में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी।