रायपुर (वायरलेस न्यूज) छत्तीसगढ में सेमी इंटीग्रेट्ड सोलर लाईट खरीदी की आड़ में 100 करोड़ रु.से भी अधिक का भ्रष्टाचार हुआ है, पूरे प्रदेश में 100 से अधिक प्राइवेट कंपनी जिसमें विशेष कर टाटा, अडानी, ग्रीन अर्थ एनर्जी और पूर्व क्रेडा अधिकारी  सौरभ पाण्डेय की  आर बी पी एनर्जी  कंपनी से जमकर खरीद की गई है इसमें मुख्य भूमिका पूर्व क्रेडा के प्रमुख अधिकारी की संलिप्तता बताई जा रही है, की भाजपा सरकार इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश देने  जा रही है ।

बस्तर संभाग के सभी सात जिले बिलासपुर संभाग के कोरबा , राजनंदगाव, और सरगुजा संभाग में खरीदी हुईं हैं जिस पर भुगतान में रोक लगनी चाहिए हालांकि एजेंसी खरीद पर जमकर अधिकारीयों को पैसा खिलाया है। बिलासपुर के संभागायुक्त ने कलेक्टरों को भुगतान पर तत्काल रोक लगाने पत्र लिखा है। क्या इसी तरह बस्तर , राजनंदगांव, सरगुजा संभाग के कमिश्नर भी रोक लगाएंगे?

बस्तर संभाग के सात जिलों बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा कोंडागांव, बिलासपुर संभाग कोरबा में खनिज न्यास निधि और सांसद मद से लगभग 100करोड़ की सेमी इंटीग्रेटेड सोलर लाईट की खरीदी ग्राम पंचायत के माध्यम से की गई है।इतना ही नहीं एक सोलर लाईट का बिल बाहरी एजेंसियों ने 45 हजार रु पेश कर जमकर बिहार और छत्तीसगढ़ की पूर्व क्रेडा के रिटायर अधिकारी की कंपनी ने लूटा है?क्या सरकार इस पर जांच कराएगी?

जबकि इसकी कीमत बाजार में 15हजार बताई जाती है। वही एक जूनो लाइट लगाने में जनपद पंचायत की ओर सात लाख रु खर्च किए जा रहे हैं जबकि बाजार में इसकी कीमत दो लाख 75 हजार रु है। बस्तर के डिप्टी कमिश्नर ने कमिश्नर का हवाला देते हुए बस्तर संभाग के सभी कलेक्टरों को 19 मार्च 24को पत्र जारी किया है। इसमें उन्होने स्पष्ट लिखा है कि नियम विरुद्ध भुगतान रोक लगाई जाए साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी का गठन करे।सूत्रों ने बताया है कि इस पत्र के बाद से सप्लायरों के साथ ही ठेकेदारों के भुगतान पर रोक लग गई है ।