
( मनोज कुमार द्विवेदी ,अनूपपुर- मप्र )
अनूपपुर /(वायरलेस न्यूज) भारत में 18 वीं सरकार के गठन के लिये संपन्न हुए आम चुनाव 2024 का परिणाम दुनिया के सामने है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मिले जुले परिणामों पर नजर डालें तो यह तो स्पष्ट है कि मतदाताओं ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के दलों को उनकी हदें बतलाने का काम किया है। विभिन्न दलों , मीडिया, तथा कथित राजनैतिक समीक्षकों और मतगणना पूर्व एक्जिट पोल्स के सारे दावे धरे के धरे रह गये। ना भाजपा 370 पार गयी और ना ही एनडीए 400 से अधिक सीटें जीतने का करिश्मा कर पाई। भाजपा के विरुद्ध बना चुनावी इंडी गठबन्धन एक साथ उतनी सीटें नहीं जीत सका ,जितनी अकेले भाजपा को मिली हैं । 2019 के मुकाबले महाराष्ट्र, बंगाल, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के परिणामों से लगा झटका भाजपा को उडीसा, आंध्रप्रदेश ,अरुणाचल प्रदेश के साथ मध्यप्रदेश जैसे कुछ राज्यों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की खुशियों पर भारी पड़ता दिखा।
नेताओं द्वारा मुंह जुबानी फैलाये गये वाचिक, वैचारिक झूठ, भ्रम, अमर्यादित भाषा शैली का प्रदूषण देश को विषाक्त कर रहा है। सरकार को जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार व्यक्तियों के बोलने की जवाबदेही तय करना होगा। इनकी भाषा, इनके भाषणों, इनके वायदों ,इनके आरोपों का देश के जन मानस पर अच्छा खासा प्रभाव पडता है। अभिव्यक्ति की 100 प्रतिशत् आजादी के साथ 100 % जवाबदेही तय करने की बहुत जरुरत है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है। भाजपा के पास पूर्ण बहुमत ना होने के कारण एनडीए और भाजपा दोनों पर समन्वय के साथ कार्य करने की जिम्मेदारी होगी । एनडीए के पास समन्वयकारी सरकार चलाने का अच्छा खासा अनुभव है। केन्द्रीय मंत्रीमंडल में एनडीए के अन्य दलों के मंत्रियों की संख्या अधिक होने से उन पर 2014, 2019 की तरह भ्रष्टाचार मुक्त उत्कृष्ट कार्य करने की चुनौती होगी।
मध्यप्रदेश ने 2024 के निर्वाचन मे अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग मोदी सरकार को प्रदान किया है। 29 में 29 सीटों पर भाजपा के सांसद विजय प्राप्त करके केन्द्र में पहुँचे हैं । इनमे शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विष्णु दत्त शर्मा, फग्गन सिंह कुलस्ते, हिमाद्री सिंह , गणेश सिंह जैसे कद्दावर नेताओं के नाम प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा संगठन के समक्ष 2028-29 को लक्ष्य करके मंत्रीमंडल गठन की चुनौती होगी। विंध्य प्रांत और महाकौशल प्रान्त में जनजातीय समाज को साधने की दृष्टि से क्या कदम उठाए जाएगें ,यह देखना रोचक होगा।
भारतीय जनता पार्टी को संगठनात्मक मजबूती के लिये बहुत से कदम उठाने की जरुरत है। उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य मे डबल इंजन की सरकार द्वारा कार्य करने के बावजूद रिकार्ड सीटों पर पराजय चिंता का विषय हो सकता है। मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य में विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त हुआ । विंध्य क्षेत्र में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला की बेजोड़ मेहनत और विधानसभा स्तर पर सघन संपर्क को रेखांकित किया जा सकता है। यहाँ सतना और सीधी की सीटों को साधने और शहडोल संसदीय क्षेत्र के पुष्पराजगढ में बढत लेना मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के लिये भी चुनौती था। डा मोहन यादव और राजेन्द्र शुक्ला की कड़ी मेहनत ने पार्टी के अनुकूल परिणाम दिये हैं । जाहिर है कि आने वाले कुछ माह केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों पर तथा संगठनात्मक कसावट पर सभी की नजर रहेगी।
Author Profile

Latest entries
Uncategorized2025.10.15रोड मोबाइल मेडिकल वैन (RMMV) के माध्यम से शहडोल उपमंडलीय चिकित्सालय क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं की शुरुआत*
बिलासपुर2025.10.15रीजन के 5969 उपभोक्ताओं ने पीएम सूर्यघर योजना में अपना रजिस्ट्रेशन कराया 628 उपभोक्ताओं को मिला सब्सिडी का लाभ बिजली के बिल से जीरो बिजली बिल की ओर अग्रसर
छत्तीसगढ़2025.10.14क्वालिटी कॉन्सेप्ट्स के चैप्टर कन्वेंशन में जिंदल स्टील की टीम ने जीता गोल्ड अवार्ड
Uncategorized2025.10.14स्पर्श खंडेलवाल बने स्टेट लेवल ओपन चेस टूर्नामेंट के चैंपियन- जीती ट्रॉफी और 31 हजार रु.,दुर्ग के वी विराट अय्यर बने उपविजेता, तीसरे स्थान पर रहे बिलासपुर के संकल्प कश्यप