बिलासपुर (वायरलेस न्यूज) प्रभारी तहसीलदार करपावंड, बस्तर पुष्पराज मिश्रा ने सरकंडा थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग, आरक्षक रंजीत खांडे,बसंत भारद्वाज और शरद खुसरो पर गाली गलौज करने, जान से मारने और झूठे मामले में फंसा दिए जाने की धमकी देने की शिकायत एसपी और कलेक्टर से लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मानव अधिकार आयोग और विधायक तक से की है।

पुष्पराज मिश्रा ने बताया कि 16 नवंबर को वे रायपुर से बिलासपुर हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से बिलासपुर पहुंचे थे। उन्हें लेने उनके पिता और भाई स्टेशन आए थे। तीनों रात करीब 1:30 बजे अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में डीएलएस कॉलेज हनुमान मंदिर के पास दो पुलिस वाले खड़े थे, जिन्होंने उन्हें रुकने के लिए कहा। बताया जा रहा है कि जहां रुकने को कहा गया था वहां अंधेरा था इस कारण से वे थोड़ी दूर चलकर उजाले में रुके ।इतने में ही दोनों पुलिस वाले उनके पास पहुंचे और गाली-गलौज शुरू कर दी। इस समय रात के दो बच चुके थे। पुष्पराज मिश्रा ने बताया कि दोनों ही पुलिस वाले शराब के नशे में थे। जब उन्हें बताया गया कि हम शरीफ लोग हैं और मैं स्वयं नायब तहसीलदार हूं तो दोनों पुलिस वालों ने उन्हें छोड़ने की बजाय 112 पेट्रोलिंग गाड़ी को फोन कर बुला लिया और पुष्पराज मिश्रा के भाई एवं पिता को तो जाने दिया लेकिन पुष्पराज मिश्रा को यह लोग थाने लेकर पहुंचे।
बताया गया कि थाना प्रभारी उनसे मिलना चाहते हैं । थाने ले जाते ही इन लोगों ने पुष्पराज मिश्रा के साथ गाली गलौज शुरू कर दी। उनसे कहा कि तू बहुत बड़ा मजिस्ट्रेट बनता है। तेरी अकल ठिकाने लगाते हैं ।इसके बाद उन लोगों ने पुष्पराज मिश्रा से उनकी आईडी मांगी। उन्होंने मोबाइल पर अपनी आईडी दिखायी, जिसके बाद उनसे ब्रेथ एनालाइजर में फूंक मारने को कहा लेकिन मीटर में कोई भी रीडिंग शो नहीं हुआ। जिसके बाद शराब पिए हुए एक पुलिस वाले ने ही उसमें फूंक मारी और पुष्पराज मिश्रा पर इल्जाम लगा दिया कि वो शराब के नशे में है और उन्हें जबरन डॉक्टरी मुलाइज के लिए ले जाया गया।

इस बीच पुष्पराज मिश्रा ने सरकंडा टीआई तोप सिंह नवरंग को रात 2:39 पर कॉल किया और पूछा कि मुझे थाने क्यों लाया गया है तो थानेदार ने कहा कि तू रुक मैं अभी आता हूं।
इस बीच पुष्पराज के घर से कॉल आने लगा तो पुष्पराज के मोबाइल को पुलिस वालों ने जप्त कर लिया और उन्हें गाड़ी में बिठाकर सिम्स ले गए। सिम्स में उनका मुलाहिजा करने के बाद उन्हें वापस सरकंडा थाने ले जाया गया। इस बीच घर न पहुंचने पर पुष्पराज मिश्रा के पिता और भाई भी सरकंडा थाने पहुंच गए तो थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी तीनों से ही गाली गलौज करने लगे। हालात बेकाबू होता देखकर पुष्पराज मिश्रा के भाई ने रात 3:30 बजे बिलासपुर कलेक्टर को फोन लगाया। कलेक्टर ने थाना प्रभारी से बात कराने को कहा तो थाना प्रभारी ने कहा कि मेरा अधिकारी एसपी है मैं सिर्फ उनकी ही मानूंगा। तेरे कलेक्टर को बोल एसपी से बात करें। बताया जा रहा है कि पूरे रात भर तीनों से दुर्व्यवहार किया गया। जब पुष्पराज मिश्रा के भाई ने इसका वीडियो बनाने का प्रयास किया तो आरक्षक ने उन्हें गाली देते और हाथ मरोड़ते हुए उनका मोबाइल छीन लिया। उनके मोबाइल से वीडियो और सारे शासकीय दस्तावेज डिलीट कर दिए गए। पूरे घटनाक्रम के बाद रात 4:31 पर उन्हें मोबाइल वापस करते हुए घर जाने के लिए कहा गया।

इस पूरे मामले की शिकायत करते हुए पुष्पराज मिश्रा ने कहा कि सरकंडा पुलिस द्वारा बिना वजह उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया है ।साथ ही उन्हें झूठे केस में फंसा देने की धमकी दी गई है। पुष्पराज मिश्रा ने कहा कि वे शराब तो दूर पान गुटखा तक नहीं खाते, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें शराब पीने का आरोपी बनाने का प्रयास किया है, जिससे उनका पूरा परिवार डरा सहमा हुआ है ।शासकीय सेवक के साथ इस तरह दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने सभी स्तर पर की है।
यह आरोप बेहद सनसनीखेज है। आखिर क्यों सरकंडा टीआई और उनके मातहत पुलिसकर्मियों ने यह जानने के बाद भी कि पुष्पराज मिश्रा तहसीलदार है उनके साथ इस तरह से दुर्व्यवहार किया। इसके पीछे की मंशा क्या है यह जानना जरूरी है। साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत उच्च स्तर पर की है। इसके बाद देखना होगा कि सरकंडा थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग और दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई होती है।