बिलासपुर (कान्हा तिवारी वायरलेस न्यूज़) पुलिस आंदोलन से चर्चा में आये आरक्षक पुष्पराज सिंग की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने के बाद एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच के बिंदु तय कर दिए हैं।जो तय बिंदुओं पर जांच कर के रिपोर्ट सौपेगी।मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी हो गया पर फिलहाल जांच अधिकारी मेनका प्रधान के होम आइसोलेशन में होने के कारण जांच शुरू नही हो पाई हैं।
दुसरी तरफ घटना के चश्मदीद और पुलिस को सर्वप्रथम सूचना देने वाले दारू भट्टी के गार्ड देवेंद्र धीवर ने मीडिया से बात चीत में पत्रकारों को बताया कि घटना से पहले आये आधी तूफान से बाँसों के सहारे खिंचे गए तार अधेरे में नीचे झूल गए थे जिसमें फंस कर वहां से गुजरता हुआ आरक्षक नीचे गिर पड़ा था।

गौरतलब हैं कि जांजगीर नया बस स्टैंड में स्थित दारू भट्टी के पास आरक्षक पुष्पराज सिंग की गुरुवार की रात को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी,मृतक ने अपनी मौत के कुछ घण्टे पहले ही जांजगीर के आला अधिकारियों के खिलाफ फेसबुक पे पोस्ट किया था और जिस थाने शक्ति में वह पदस्थ था वहां के टीआई रविन्द्र अनंत पर एक लाख ले कर जुआ चलवाने के आरोप भी लगाए थे जिसके चलते एसपी पारुल माथुर ने एडिशनल एसपी संजय महादेवा को इस आरोप के जांच का जिम्मा सौपा था,और उसकी रिपोर्ट आनी बाकी थी।

परिजनों द्वारा सीबीआई जांच की मांग,अनुग्रह राशि भी लौटाई:-

आरक्षक की मौत के बाद से मृतक के घर वाले इसे हत्या बता कर लगातार सोशल मीडिया पर व मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहें हैं।परिजनों के द्वारा विभाग के द्वारा दि गयी 50 हजार की अनुग्रह राशि भी लौटा दि हैं व आरक्षक के भाई ने वीडियो जारी कर इसे सुनियोजित षड्यंत्र बता कर सीबीआई जांच की मांग कि हैं।

प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार अंधेरा होने की वजह से नही दिखा झूलता हुआ काला तार:-

घटना स्थल पर बिजली के अस्थायी कनेक्शन देने के लिए बाँसों के सहारे बिजली का केबल तार बिछाया गया था,जो थोड़ी देर पहले आने वाले आंधी तूफान की वजह से निचे झुल कर लटक रहा था।और स्ट्रीट लाइट नही होने की वजह से अंधेरे में झूल रहा तार एकबारगी नजर नही आ रहा था।
ग्राम धनेली निवासी युवक देवेंद्र कुमार धीवर वही दारू भट्टी में गॉर्ड का काम करता हैं, जिसकी ड्यूटी रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक रहती हैं।देवेंद्र धीवर ने बात चीत में बताया कि “मैं गार्ड का काम करता हूं, लिहाजा भट्टी के बाहर गेट पर ही बैठने की मेरी ड्यूटी थी,मैं रात को 11,30 के लगभग बैठा ही था कि मेरे सामने ही एक सफेद स्कूटी सवार युवक अकेले निकला पर सड़क पर रोशनी कम होने की वजह से मैं उसका चेहरा ठीक से नही देख पाया था,और वह स्कूटी सवार युवक मेरे देखते ही देखते कुछ ही सेकेंड्स में थोड़ी दूर में जा कर सड़क के किनारे अंधेरी जगह पर गिर गया,पहले मुझे लगा कि बारिश होने की वजह से स्लिप खा कर गिर गया होगा,पर जब वह नही उठा तब मैं उसे उठाने पहुँचा,वहां पहुँच कर देखा कि आंधी तूफान की वजह से तार बांस से नीचे झूल रहा था जिसमें फंस कर युवक गिरा हुआ हैं और तार उसके गले मे फंसा हुआ हैं,घटनास्थल पर स्ट्रीट लाइट नही होने के कारण अंधेरा था और काला तार एकबारगि देखना असम्भव था।मेरे द्वारा तार निकालने की कोशिश की गई पर टाइट होने के कारण मैं निकालने में सफल नही हुआ और तब फिर मेरे द्वारा आस पड़ोस के लोगो और डायल 112 व 108 को सूचना दी,तब सभी आये और सबने मिल कर तार निकाला औऱ उसे हास्पिटल ले कर गए।

चश्मदीद के अनुसार घटना के टाइम सुनसान सड़क पर अकेला था युवक,घटना के बाद भी कोई नही दिखा आस पास:-

चश्मदीद देवेंद्र के अनुसार रात काफी हो चुकि थी और थोड़ी देर पहले आये आंधी तुफान कि वजह से सड़क भी खाली थी,और स्कूटी सवार युवक अकेला ही वहां से गुजरा था,और न तो कोई उसके साथ ही वहां से गुजर रहा था और न ही उसके आगे पीछे ही गुजरा था,अकेले ही आरक्षक आधी तूफान रुकने के बाद वहां से गुजरा था,पर अंधेरे की वजह से बॉस से नीचे लटकते हुए तार को वह ठीक से नही देख पाया और स्पीड में होने की वजह से उससे उलझ पड़ा।देवेंद्र के अनुसार वहां स्ट्रीट लाइट नही थी और अंधेरे में काले तार को देखना एकबारगी और भी मुश्किल हो जाता हैं।यदि आरक्षक की जगह कोई और भी वहां से उस वक्त गुजरा होता तो वह भी दुर्घटना का शिकार हो जाता।
प्रत्यक्षदर्शी देवेंद्र के अनुसार “युवक स्कूटी में वहां से मेरे सामने ही गुजरा और चंद सेकेंड्स में ही मेरे देखते ही देखते थोड़ी दूर में जा कर गिर पड़ा,जिसको उठाने के लिए पहुँचने वाला पहला व्यक्ति भी मैं ही था,न तो दुर्घटना से पहले ही उसके आस पास कोई था,और न ही दुर्घटना के बाद उसके पास कोई था,मेरे द्वारा ही अन्य को सूचना दे कर बुलाया गया”।

कलेक्टर ने किए जांच के बिंदु तय:-

एसपी से जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कलेक्टर ने जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान को मजिस्ट्रियल जांच के लिए जाँच अधिकारी नियुक्त कर निम्न बिंदुओं में जांच के लिए निर्देशित किया हैं।

1-आरक्षक क्रमांक 182 पुष्पराज सिंग की मृत्यु के क्या कारण थे?

2-आरक्षक की मृत्य के लिए क्या कोई दोषी हैं?

3-आरक्षक की मृत्यु संदिग्ध परिस्थियों के अधीन हुई हैं अथवा उसकी अप्राकृतिक मृत्य हुई हैं,और यदि एसा नही हुआ तो उसकी मृत्यु का दृश्यमान हेतुक क्या हैं?

4-अन्य बिंदु जो जांच अधिकारी उचित समझें।

बहरहाल आज एसडीएम मेनका प्रधान के होम आइसोलेशन में होने की वजह से जाँच शुरू नही हो सकी हैं,व परिजन लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहें हैं।

7 मई को बैठी थी आरक्षक पे जांच:-

मृत आरक्षक पुष्पराज सिंग शक्ति थाने में पदस्थापित रहते हुए दिनांक 30 अप्रेल से बिना सूचना दिए ड्यूटी से गैर हाजिर था जिसकी जांच के लिए एसपी ने एएसपी संजय महादेवा को जांच करने के लिए निर्देश दिए थे,जांच के बिंदुओं में आरक्षक द्वारा किया शोसल मीडिया का वह कमेंट भी शामिल था जिसमें उसने एक आरक्षक के द्वारा मुलमुला थाने के टीआई से की गई हाथापाई को सही बताते हुए अपने टीआई से मारपीट करने वाले आरक्षक की हौसला अफजाई करते हुए उसे इनाम देने की घोषणा की थी।