धर्म ,अध्यात्म और सामाजिक सरोकार का अद्भुत संगम है, रामकृष्ण मिशन कोनी में

सन 1970 में बिलासपुर के अग्निहोत्री दंपति ने मिशन को दी थी 8 एकड़ भूमि

( वायरलेस न्यूज़/)बिलासपुर के अग्निहोत्री दंपति द्वारा सन 1970 में देखा गया सपना, अब रामकृष्ण मिशन कोनी में साकार हो रहा है।

कोनी में स्थापित रामकृष्ण मिशन आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के साथ-साथ सामाजिक सरोकार की दिशा में भी महत्वपूर्ण काम कर रहा है। इनका आदर्श वाक्य ..स्वयं की मुक्ति और जगत के कल्याण हेतु…. है । रामकृष्ण मिशन अपने आदर्श वाक्य को चरितार्थ कर रहा है । यहां स्वामी विवेकानंद एजुकेशनल सेंटर, लाइब्रेरी, कंप्यूटर ट्रेनिंग, फ्री कोचिंग क्लासेस, और चिकित्सा की सेवा भी प्रदान की जा रही है। रामकृष्ण मिशन कोनी में धर्म, अध्यात्म और सामाजिक सरोकार का अद्भुत संगम देखने मिलता है।

बात 1970 की है,बिलासपुर के गोल बाजार के पास अग्निहोत्री दंपति रहते थे। जिनकी कोई संतान नहीं थी। अग्निहोत्री जी की धर्मपत्नी श्रीमती गिरिजा देवी ने आध्यात्मिक चेतना की अलख जगाने और सामाजिक सरोकार की मंशा लिए अपनी कोनी स्थित आठ एकड़ भूमि रामकृष्ण विवेकानंद सेवा समिति को दान में दे दी थी। यह क्षेत्र अब सरकंडा से जुड़कर कोनी मुख्य मार्ग में सुपर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सामने नजर आता है। यह भूमि उन दिनों रायपुर में रहने रह रहे स्वामी आत्मानंद जी महाराज के निगरानी में थी। उन दिनों रामकृष्ण मिशन का बिलासपुर में कोई सन्यासी नहीं होने के कारण इसके संचालन की जिम्मेदारी भक्तों ने ली। 1970 से 2019 तक रामकृष्ण विवेकानंद सेवा समिति ने इसका संचालन किया। जहां रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों पर चलने के अनेक कार्य यहां होते रहे। वर्ष 2019 में रामकृष्ण मिशन बिलासपुर की स्थापना हुई । अब यह सेवा समिति रामकृष्ण मिशन का रूप लेकर बेलूर के ब्रांच सेंटर के रूप में स्थापित हो गया । वैश्विक स्तर पर जुड़ने के बाद यहां धर्म और अध्यात्म से युवाओं को जोड़ने और सामाजिक सरोकार के संस्कार रोपित करने के लिए कार्य हो रहे हैं। यहां रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस मंदिर में अलौकिक शांति की अनुभूति होती है। मंदिर में दुर्गा पूजा, जन्माष्टमी रामनवमी, स्वामी रामकृष्ण परमहंस जन्मोत्सव , स्वामी विवेकानंद जन्मोत्सव एकादशी सहित विशेष दिनों में गीता, रामचरितमानस रामायण और अनेक धर्म ग्रंथो की ज्ञान गंगा बहती है। इसके साथ-साथ सामाजिक सरोकार की दिशा में रामकृष्ण मिशन बिलासपुर कार्य कर रहा है । युवाओं के लिए विवेकानंद एजुकेशनल सेंटर स्थापित किया गया है । जहां पर स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद सहित अनेक सन्यासियों के जीवन पर केंद्रित पुस्तक हैं । इसी तरह लाइब्रेरी में भी युवाओं को सुबह 8:00 बजे से रात को 8:00 तक शांत वातावरण में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है । युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर, भी यहां स्थापित किया गया है । जिसमें बेसिक कंप्यूटर, माइक्रोसॉफ्ट, ऑपरेटिंग सिस्टम, एमएस वर्ड, एमएस पावरप्वाइंट, गूगल सर्च इंजन, टैली एकाउंटिंग सहित बुनियादी ज्ञान दिया जा रहा है। इसी तरह कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए फ्री कोचिंग क्लासेस उनके विषय के अनुसार भी दी जा रही है । कुछ दिन पूर्व ही यहाँ माँ सारदा चैरिटेबल डिस्पेंसरी भी बनाई गई है। जिसमें सोमवार से लेकर शनिवार तक डॉ अपनी सेवाएं और दवाई देते हैं। यह सिर्फ ₹30 में ही जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध होती है। रामकृष्ण मिशन बिलासपुर के सचिव स्वामी सेवावृत्तानंद बताते हैं कि वर्तमान में यहां चार सन्यासी सेवा कर रहे हैं ।उन्होंने अपना पूरा जीवन मिशन को समर्पित किया है।

क्या है रामकृष्ण मठ-

रामकृष्ण मठ एक संन्यासी संघ है। 19वीं शताब्दी के बंगाल में जन्मे संत श्री रामकृष्ण ने इसकी स्थापना की थी।। उन्हें इस युग का देवमानव भी कहा जाता है। रामकृष्ण मिशन एक पंजीकृत संस्था है, जिसके माध्यम से रामकृष्ण मठ के सन्यासी तथा गृहस्थ भक्त आपसी सहयोग द्वारा सामाजिक सेवाएं प्रदान करते हैं। इसकी स्थापना स्वामी रामकृष्ण के प्रमुख शिष्य और युगाचार्य स्वामी विवेकानंद ने की थी।

क्या है रामकृष्ण मिशन-

रामकृष्ण मिशन रामकृष्ण मठ सन्यासियों की संस्था है । पंगतू रामकृष्ण मिशन एक सार्वजनिक संस्था है । जो सन्यासी तथा गृहस्थ दोनों के लिए है । जिस किसी को स्वामी रामकृष्ण और उनके उपदेशों में श्रद्धा हो और जो रामकृष्ण मिशन के आदर्शों तथा कार्यों के साथ सहानुभूति रखता हो ,वह इसकी सदस्यता ले सकता है । गृहस्थ सदस्य मिशन के शैक्षणिक, चिकित्सीय, संबंधी तथा अन्य प्रकार की संस्थाएं चलाने में संन्यासियों की मदद करते हैं। 4 मई 1909 को रामकृष्ण मिशन का एक संस्था के रूप में पंजीयन हुआ था ।इसकी पूरे भारत तथा विदेश में भी शाखाएं हैं।

किशोर सिंह, बिलासपुर

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Amit Mishra - Editor in Chief
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