शराब पीकर आयोग में उपस्थित होने वाले अनावेदकों को पुलिस को किया सुपुर्द
बुजुर्ग माता पिता को घर से निकालकर घरेलू हिंसा करने वालो के खिलाफ एफआईआर की अनुशंसा आयोग द्वारा की गई
आयोग की सुनवाई में शामिल हुए नवनियुक्त सदस्यगण
रायपुर (वायरलेस न्यूज़ 28जुलाई 2021) छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने शास्त्री चौक रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओ से संबंधित प्रकरणों पर आज जन सुनवाई आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने नव नियुक्त सदस्यगण श्रीमती नीता विश्कर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय, सुश्री शशिकांता राठौर के साथ की। आज की सुनवाई में एक प्रकरण में अनावेदक अधिवक्ता के द्वारा बिना पढ़े लिखे आयोग के समक्ष आदेश पत्रक हस्ताक्षर करना और आवेदिका के ऊपर छेड़छाड़ बुरी नियत रखता है, अनावेदक व्यवसायिक कदाचरण का दोषी प्रतीत होता है। इसकी सुनवाई के बाद अध्यक्ष ने अनावेदक अधिवक्ता का लायसेंस निलंबित किये जाने की अनुशंसा उच्च न्यायालय बिलासपुर अधिवक्ता संघ और रायपुर अधिवक्ता संघ में आदेश पत्रक की प्रमाणित प्रतिलिपि एवं सम्पूर्ण दस्तावेज के साथ एक पत्र लिखने के निर्देश दिए। जिससे अनावेदक इस तरह से किसी महिला को प्रताड़ित न कर सकें और अपने पेशे का दुरुपयोग कर बेईमानी ना कर सके, इस संबंध में आवेदिका को स्वतंत्रता दी गयी है कि वह थाने में मामला भी दर्ज करा सकती है।
एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों का विस्तार से सुनने के बाद संज्ञान लिया गया कि अनावेदक द्वारा तलाक का मामला फरवरी 21 में किया था जिसकी सूचना आवेदिका को मिल चुकी है।अध्यक्ष ने समझाइश दी कि आवेदिका के देवर को आयोग की सुनवाई में उपस्थित कराया जाये,ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके।एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष आपसी राजीनामा से तलाक लेना चाहते है।अध्यक्ष ने दोनों पक्षो को संबंधित क्षेत्राधिकार न्यायालय में आपसी तलाक नामा का आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ ही प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक पर बिना तलाक के दूसरी पत्नी रखने का आरोप लगाया जिसे अनावेदक ने स्वीकार किया। आवेदिका को 10 वर्ष से छोड़कर रखा है और अदालत के भरण-पोषण के आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है। अनावेदक को समझाईश देने पर अपनी पत्नी और बच्चो को भरण-पोषण देने के लिये तैयार है और इस बाबत् अनावेदक ने 2 दिन का समय मांगा है। अध्यक्ष ने अनावेदक को निर्देशित किया कि आगामी सुनवाई 30 जुलाई को दूसरे अनावेदक को अपने साथ लेकर उपस्थित रहे ताकि इस सम्पूर्ण मामले का निराकरण किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों ने अपनी शर्तें लिखकर प्रस्तुत किया है।इन शर्तो के आधार पर दोनों पक्ष को अपने संबंध सुधारने का समय दिया गया है। इस में आयोग की काउंसलर को निगरानी के लिये अधिकृत किया गया है। काउंसलर की रिपोर्ट के आधार पर 2 माह बाद अंतिम निराकरण के लिये प्रकरण को रखा जायेगा।
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