▶⏸ छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी श्रमशक्ति है उत्कल समाज है, इनको बाहरी कहना गरीब समाज का अपमान है – भगवानू

▶⏸ लखेघर गांड़ा समाज से माफी मांगे विधायक किस्मतलाल नंद और पूर्व विधायक रामलाल चौहान।

▶⏸ क्या आरक्षण पर पहला अधिकार गांव में बसे अच्छे खासे भूमिधारी, संपन्न गांड़ा समाज को ही है ? शहर में रहने वाले भूमिहीन गरीब, मजदूर रिक्शा चालक गांड़ा समाज को नहीं ? आरक्षण किसी की बपौती नहीं है आरक्षण पर पहला अधिकार देश के गरीब वंचित दबे कुचले भूमिहीन वंचित अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग को है चाहे वह किसी भी वंचित वर्ग का क्यों न हो।

▶⏸ छत्तीसगढ़िया गांड़ा समाज के पूर्व अध्यक्ष स्व धनेश नेताम जी ने लखेघर गांड़ा समाज को जोड़ने किया था समाज को बाटने का काम कर रहे विधायक किस्मतलाल नंद और पूर्व विधायक रामलाल चौहान।

▶⏸ भारतीय संविधान में दबे कुचले लोगों के लिए आरक्षण की परिकल्पना करने वाले दलितों के मसीहा बाबा साहब महाराष्ट्र से है और बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ में महार समाज भी रहता है फिर क्या बाबा साहब और उनके लोगों को भी बाहरी कहेंगे विधायक किस्मतलाल नंद और पूर्व विधायक रामलाल चौहान।

रायपुर (वायरलेस न्यूज़) , छत्तीसगढ़ जिला 8 अगस्त 2021। सामाजिक नेता व अधिवक्ता भगवानू नायक ने सरायपाली विधानसभा के विधायक किस्मतलाल नंद एवं पूर्व विधायक श्री रामलाल चौहान जी के द्वारा छत्तीसगढ़ में लाखों की संख्या में रहने वाले उत्कल गांड़ा समुदाय को लोगों पर बाहरी कहकर तथा स्थानीय गांड़ा समाज का हक को मारने का आरोप लगाकर आरक्षण नहीं दिए जाने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पर कड़ी शब्दों में आपत्ति और निंदा करते हुए कहा नेता द्वय सरायपाली बसना के खुद ओड़ियाभाषी है उत्कल गांड़ा समाज का विरोध कर रहे है। उत्कल समाज छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी श्रम शक्ति है और रायपुर की शान है, जो किसी का हक नहीं मारता बल्कि ईमानदारी के साथ मेहनत मजदूरी कर, खून पसीना बहा कर अपना परिवार का भरण पोषण करता है। विधायक किस्मतलाल नन्द को चुनौती देते हुए भगवानू नायक ने कहा यदि विधायक किस्मतलाल नंद को लगता है कि इस समाज ने उनका हक मारा है वो विधायकी छोड़कर रायपुर आकर किसी उत्कल बस्ती में रहे है उनके जैसा मेहनत मजदूरी का काम करे किसने रोका है।

भगवानू नायक ने कहा लाखो की संख्या में निवासरत दबे कुचले हमारे समाज को राज्य गठन के बाद बीते 20 वर्षों से जाति प्रमाणपत्र की जटिल प्रक्रिया के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जाति प्रमाण पत्र के वे वास्तविक अधिकारी है और समाज इसके लिए लगातार संघर्ष कर रहा । कांग्रेस की सरकार बनने के बाद समाज को आरक्षण प्रदान करने के लिए जाति प्रमाण प्रदान करने की प्रक्रिया चालू हो गई है राज्य शासन ने सरलीकरण का आदेश कर दिया है जिससे समाज विरोधी विचलित हो गए है और हमारे गरीब समाज को बाहरी होने का आरोप आ रहे है।

भगवानू नायक ने नेता द्वय से सवाल पूछते हुए कहा कि आरक्षण पर पहला अधिकार क्या गांव में बसे बड़ी-बड़ी भूमिधारी गांड़ा समाज के लोगों को ही है ? और शहर में रहने वाले गरीब मजदूर दबे कुचले वंचित लोगों को इस पर अधिकार नहीं है ? भगवानू नायक ने कहा आरक्षण किसी की बपौती नहीं है आरक्षण पर पहला अधिकार गरीब वंचित दबे कुचले भूमिहीन वंचित अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग को है चाहे वह किसी भी वंचित वर्ग का क्यों न हो।

भगवानू नायक छत्तीसगढिया गांड़ा समाज के पूर्व अध्यक्ष स्व धनेश नेताम जी को याद करते हुए कहा स्व नेताम ने समाज को जोड़ने का काम किया था लेकिन विधायक किस्मत लाल नंद और पूर्व विधायक रामलाल चौहान समाज को बांटने का काम कर रहे है यह देखकर स्व नेताम जी भी दुखी होंगे।

भगवानू नायक ने विधायक किस्मतलाल नंद और पूर्व विधायक रामलालक चौहान के कृत्य को दुर्भावनापूर्वक और भेदभाव पूर्ण करार देते हुए कहा नेता द्वय जनप्रतिनिधि के लायक नहीं है उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और उत्कल समाज से माफी मांगनी चाहिए।

Author Profile

Amit Mishra - Editor in Chief
Amit Mishra - Editor in Chief
Latest entries