रायगढ़ (वायरलेस न्यूज़) देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम शहीद राजीव गांधी के नाम से बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने के केन्द्र सरकार के निर्णय को जिला कांग्रेस ने भी निंदनीय बताते हुये प्रधानमंत्री की आलोचना की है। पार्टी की ओर से जारी बयान मे जिला कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता हरेराम तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कार व खेल मैदान का नाम बदलने के आदी हो चुके देश के प्रधानमंत्री पहले खेलों मे अपनी ओर से किया गया योगदान बतायें । हरेराम तिवारी ने कहा कि गांधी,नेहरु परिवार पर आधारहीन आक्षेप लगाने वाले तथाकथित भी राजीव गांधी समेत पूरे गांधी परिवार के देशप्रेम व शहादत के जज्बे से वाकिफ हैं। खेलों से लेकर देश के आधुनिक विकास मे अहम भूमिका निभाने वाले राजीव गांधी का नाम इतना विराट है कि उसका असर मोदी सरकार के किसी पुरस्कार का नाम बदलने से कमतर नहीं होगा। वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता हरेराम तिवारी ने कहा कि राजीव का पूरा जीवन देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया है लेकिन मोदी सरकार के अस्तित्व मे आने के बाद से देश की संप्रुभता पर खतरा बढ़ गया है। विकास के नाम पर अपना नाम साथापित करने के महत्वाकांक्षी देश के प्रधानमंत्री सरदार पटेल के नाम पर बने स्टेडियम का नाम अपने नाम पर कर अपनी मानसिकता का परिचय दे चुके हैं। तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने एक तरफ खेलों का बजट कम कर दिया है और अपनी इस कमजोरी से ध्यान भटकाने के लिए खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला गया है। गांधी परिवार की विरासत व लोकप्रियता से हीन भावना से ग्रसित देश के प्रधानमंत्री का एकमात्र लक्ष्य केवल ओछी राजनीति करना ही रह गया है। जिला कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार करते हुये राजनीति मे उनका नाम घसीट कर मोदी सरकार ने न केवल भारत रत्न राजीव गांधी को अपमानित करने का प्रयास किया है बल्कि मेजर ध्यानचंद के नाम का भी राजनैतिक इस्तेमाल कर आम भावनाओं को आहत किया है। हरेराम तिवारी ने कहा कि इसी ओलंपिक मे निशानेबाजी की प्रतियोगिता मे उतरी भारतीय महिला प्रतिभागी का केवल स्पर्धा मे पिस्टल न चलने से पदक से चूक जाना प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार की खेल तथा खिलाडियों के प्रति गंभीरता को प्रमाणित करती है। तिवारी ने कहा कि यद्यपि मेजर ध्यानचंद के नाम पर लाईफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड पहले ही स्वीकृत है फिर भी यदि करना ही था तो मोदी सरकार को हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर किसी नये पुरस्कार की घोषणा करनी चाहिए न कि राजीव गांधी का नाम खेल रत्न पुरस्कार से हटाना चाहिए।बहरहाल केंद्र सरकार के इस निर्णय की जितनी भी निंदा की जाय,कम है।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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