रायगढ(वायरलेस न्यूज़) बरौद कॉलरी। साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस इंटक केन्द्रीय उपाध्यक्ष गनपत चौहान ने आज संयुक्त ट्रेड यूनियनों के द्वारा 9 अगस्त भारत बचाओ के आव्हान पर कहा कि जब से केंद्र में मोदी की सरकार आई है देश में खासकर मध्यमवर्गीय लोगो की शामत आ गई है चाहे वह रेल,स्टील,कोल,विद्युत,ट्रांसपोर्ट कम्पनी में कार्य करने वाले श्रमिक वर्ग हो या कृषि क्षेत्र में सड़क में भवन निर्माण के कार्यो में कठोर परिश्रम करने वाले मजदूर वर्ग हो जिनकी आर्थिक व मानवीय संकट के दौर से जूझ रहा है सभी क्षेत्रों में केन्द्र की गलत नीतियों की वजह से आर्थिक संकट व महंगाई मुंह बाये खड़ी हुई है अनेकों कल कारखाने प्रतिष्ठानें बंद हो चुकी है रोज कमाने खाने लोगो के समक्ष भुखमरी का संकट मुंह बाये खड़ी हुई है |
गनपत चौहान ने यह भी कहा कि आज पूरे देश में इंटक,एटक,सीटू,एचएमएस,एआईयूटीयूसी,टीयूसीसी,एआईसीसीटीयू,एमपीएफ,यूटीयूसी श्रम संगठनों द्वारा नये लेबर कोड बिल वापस लेने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने महंगाई पर रोक पब्लिक सेक्टरो की कम्पनियों के विनिवेश सीबीए एक्ट में संशोधन करके निजी कोयला खदानों के लिए जमीन अधिग्रहण का कानून बनाने के खिलाफ सहित अनेकों श्रमिक विरोधी नीतियों के कारण केन्द्र सरकार के विरोध में संयुक्त यूनियन उद्देलित हुआ है |
उन्होने यह भी कहा कि रोजगारी गई और महंगाई आई मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल इस सरकार के बनने के समय 2014 में 71.51 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर से 100 रुपयों के पार चली गई है इसलिए देश में महंगाई चरम में पहुंच गई और खाने सरसो तेल 115 के प्रतिलीटर से बढ़कर 200 रुपये को पार कर गया हर साल दो करोड़ का रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई यह सरकार रोजगार देना तो दूर करोड़ो लोगो की नौकरी ही छीन ली देश में डा. मनमोहन सिंह के कार्यकाल तक 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ गये थे मोदी सरकार के कार्यकाल में 23 करोड़ भारतीय एक बार फिर गरीबी रेखा से नीचे आ गए है !