बिलासपुर,(वायरलेस न्यूज़ 19 अगस्त) छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक की भर्ती में लागू किए गए आरक्षण नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इस पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए वनस्पति विज्ञान विषय में होने वाली नियुक्ति को बाधित रखा है और लोक सेवा आयोग को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता अभ्यर्थी प्रवीण तिवारी एवं वसीम अकरम ने अधिवक्ता वरुण शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में बताया है कि जनवरी 2019 में लोक सेवा आयोग ने 27 विषयों में 1384 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया। नवंबर 2020 में इसकी परीक्षा हुई। 18 जनवरी 2021 को परिणाम घोषित किया गया। फरवरी में हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी विषयों से साक्षात्कार शुरू किया गया जो 6 अगस्त को इतिहास विषय पर समाप्त हुआ। इसी दौरान याचिकाकर्ताओं ने भी वनस्पति विज्ञान विषय के लिए साक्षात्कार दिया। इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी हुई। पीएससी ने इस दौरान नियम में संशोधन कर दिया और ओबीसी के दिव्यांग अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग का बना दिया और कम अंक के बावजूद उनका चयन कर लिया। मेरिट सूची में इस तरह की छेड़छाड़ सुप्रीम कोर्ट के सन 2021 के फैसले के अनुसार अवैध है। आरक्षण में गलत व्याख्या किए जाने के कारण के कारण योग्य उम्मीदवारों का नाम मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं हो पाया।

मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायाधीश रजनी दुबे की डबल बेंच में हुई। लोक सेवा आयोग और अन्य प्रतिवादियों से ने 4 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने कहा है