रायगढ़।(वायरलेस न्यूज़) रायगढ़ शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर स्थित डीपाखोल डेम में इन दिनों असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। जहां सुबह से लेकर देर शाम तक शराबी खुलेआम जाम से जाम छलकाते नजर आते हैं। यही नही यहां परिवार के साथ पहुंचने वाले संभ्रांत परिवार के लोगों के साथ शराबियों के द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है।
शहर के खैरपुर में स्थित टीपाखोल डेम में यूं तो हर मौसम में पर्यटक यहां पिकनिक मनाने एवं परिवार के साथ घूमने आते हैं। मगर पिछले कुछ वर्षो से टीपाखोल डेम की स्थिति दयनीय हो चुकी है। यहां जगह-जगह शराब की बोतले शराबियों द्वारा तोडकर फेंक दिया गया है। इसके अलावा जुआडियों का झुण्ड भी यहां असानी से देखा जा सकता है। क्षेत्र के लोगों की मानें तो शराबियों के लिए टीपाखोल डेम शराब पीने के लिए सुरक्षित स्थान बन चुका है। जहां अलग-अलग समूह में युवा जाम से जाम छलकाते नजर आते हैं। यहां परिवार के साथ घूमने आने वाले लोगों ने बताया कि वे हर साल पूरे परिवार के साथ यहां आकर यहां की मनमोहक दृश्य को अपने कैमरे में कैद करते हैं। साथ ही साथ बरसात के दिनों में डेम में ज्यादा पानी भर जाने से यहां एक वाटर फॉल भी बन जाता है। मगर पहले की अपेक्षा टीपाखोल डेम अब बहुत बेकार हो चुका है। यहां जगह-जगह शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। कभी-कभार तो यहां वाद विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
टीपाखोल में पिकनिक मना रहे शहर के युवाओं ने हमारे संवाददाता को बताया कि यहां की स्थिति दयनीय हो चुकी है। जगह-जगह शराब की बोतलें पड़ी हुई है। सब तरफ गंदगी ही गंदगी पसरी हुई है। युवाओं ने यह भी बताया कि टीपाखोल डेम में हर साल पानी में डूबने से दो से तीन लोगों की मौत होती ही है। डेम के बीच में घर बनाकर कुछ लोगों के द्वारा यहां मछली पालन किया जा रहा है। मगर यहां आने वाले अधिकांश युवा शराब के नशे में पानी में तैर पर डेम के बीच बने उस घर तक पहुंच रहे हैं जो किसी बड़े खतरे से कम नही है। साथ ही साथ रस्सी के सहारे एक कथित नाव भी उनके द्वारा बनाया गया है जो यहां आने वाले लोगों को डेम का भ्रमण कराता भी है। प्रशासन को टीपाखोल में हो रही इन लापरवाही को ध्यान में रखते हुए यहां नहाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ताकि यहां आने वाले दिनों में होने वाली अनहोनी घटना को रोका जा सके। साथ ही यहां फैल रही अव्यवस्था को सुधार करने की जरूरत है, ताकि यहां की सुंदरता यथावत बनी रहे।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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