रायपुर (वायरलेस न्यूज़) छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव सोनिया गांधी से मुलाकात के बहाने एक बार फिर से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दबाव बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्हें साफ कहा गया है कि प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एकजुटता का संदेश जाना चाहिए। नेतृत्व फिलहाल राज्य में फेरबदल के मूड में नही है। इस तरह की सभी अटकलों को प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से भूपेश बघेल की मुलाकात के बाद विराम दिया जा चुका है। बघेल को यूपी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
हालांकि देव लगातार आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली में ही जमे हुए थे। वे एक दो दिन रायपुर में बिताने के बाद दिल्ली के अपने आराधना एंक्लेव के निवास पर आ जाते हैं। इसे लेकर विपक्ष निशाना भी साधता रहा है।

बुधवार को टी एस सिंहदेव 10 बजकर 55 मिनट पर दस जनपथ पहुंचे। उनकी सोनिया गांधी से 11 बजे मुलाकात तय थी। मुलाकात से पहले उन्होंने कहा कि वे शिष्टाचार मुलाकात और दीपावली की शुभकामनाएं देने आए हैं। दस जनपथ में पहले से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और केरल के ओमान चांडी मौजूद थे। इसलिए टी एस सिंहदेव की मुलाकात 11.30 के बाद शुरू हुई। तकरीबन पंद्रह मिनट की मुलाकात के बाद वे पीछे के गेट से बिना किसी से बातचीत किये निकल गए।

सूत्रों के मुताबिक टी एस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ की वर्तमान राजनीतिक स्थिति,कांग्रेस के घोषणापत्र और आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर संक्षेप में कांग्रेस अध्यक्ष को जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ में गुटबंदी खत्म कर भाजपा की खामियों को आगे लाने और प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को सामने लाने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक नेतृत्व बदलाव को लेकर कोई बातचीत मुलाकात के दौरान नही हुई।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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