किशोर कर ब्यूरोचीफ महासमुं द

कृषि पर आधारित बनाये गए 2 प्रोजेक्ट देश के टॉप 60 मॉडल में चयनित

महासमुन्द – भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा पूरे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ प्रोग्राम चलाया गया था. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वितीय चरण का परिणाम घोषित हुआ है. जिसमें देश भर के टॉप 60 प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के नर्रा स्कूल के 2 प्रोजेक्ट ने अपनी जगह बनाई है. देश के टॉप प्रोजेक्टों में छत्तीसगढ़ के महसमुंद जिले के दो प्रोजेक्ट के शामिल होने पर इसे बनाने वाले छात्र-छात्राएं उनके परिवार और स्कूल के शिक्षक काफी खुश है और उम्मीद जता रहे है कि देश के टॉप 20 में भी यह प्रोजेक्ट शामिल होगा.आखिर क्या है ये प्रोजेक्ट और इसकी खासियत कैसी है इस पर वन इंडिया द्वारा की गई रिपोर्टिंग से पता चला कि भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा पूरे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ के मध्याम से देश के केवल सरकारी स्कूलों के छात्रों को नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से रूबरू कराने और उनके द्वारा समाज के समस्याओं का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से समाधान ढुंढ़ने के लिए एक कार्यक्रम चलाया गया था. जिसमें देशभर के 52 हजार 628 छात्रों ने भाग लिया.. इनमें महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के शासकीय कुलदीप निगम हायर सेकंडरी स्कूल नर्रा के 3 छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया. लॉक डाउन के समय जून 2020 में इन बच्चों ने अपना पंजीयन कराया. पंजीयन के बाद से अटल टिकरी लैब नर्रा के कन्वेनर सुबोध तिवारी और छात्रों ने लगातार अपने प्रोजेक्ट को बेहतरीन बनाने के लिए जुटे रहे. छात्राओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित अपना प्रोजेक्ट इस कार्यक्रम में सबमिट किये. फेस वन में टॉप 100 में चयन होने के बाद दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों से 60 स्कूलों के प्रोजेक्ट का चयन किया गया.जिसमें इन छात्रों का कृषि पर आधारित दो प्रोजेक्ट का चयन हुआ है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक ऐसा अध्ययन है जिसके तहत ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है, जो व्यवहार करने और प्रतिक्रिया देने में मानव से भी बेहतर हो. चूंकि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है इसलिए बागबाहरा के शासकीय कुलदीप निगम हायर सेकंडरी स्कूल नर्रा के इन छात्राओं ने कृषि पर आधारित दो प्रोजेक्ट बनाये. कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत छात्रा परमेश्वरी यादव ने धान के फसलों में लगने वाली किसी भी बीमारी को प्रारम्भिक लक्षणों के आधार पर ही पहचान कर उसके उपचार की दवाइयों का जानकारी प्राप्त करना. और वैभव देवांगन व धीरज यादव ने कृषि फसलों के बीच उगे खरपतवारो को पहचान कर निंदाई करने वाले प्रोजेक्ट तैयार किये हैं. जिसे पूरे देश मे सरहा गया है. यही वजह है कि पहले टॉप 100 और अब टॉप 60 में इसे शामिल किया गया है. छात्रों के इस प्रोजेक्ट की सराहना से शिक्षको के साथ साथ परिवार वाले भी इसे गौरव की बात मान रहे है.अब तीसरे चरण के लिए चयनित सभी छात्रों को इंटेल के इंजीनियर प्रशिक्षण देंगे और चयनित छात्रों के आइडियाज को वर्किंग प्रोटोटाइप में ढाला जाएगा. साथ ही उनमें से टॉप 20 प्रोजेक्ट को अंतिम रूप से विजेता घोषित किया जाएगा. गौरतलब है कि, टॉप 60 में इन छात्रों के 2 प्रोजेक्ट के अलावा आंध्रप्रदेश से एक, अरुणाचल प्रदेश से 2, असम से दो, बिहार से दो, चंडीगढ़ से दो, दिल्ली से तीन, गुजरात से एक, हरियाणा से तीन, कर्नाटक से चार, केरल से 13, मध्यप्रदेश से पांच, ओडिशा से चार, पंजाब से चार, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा से एक-एक, उत्तरप्रदेश से तीन, उत्तराखंड से दो और पश्चिम बंगाल से तीन मॉडल का चयन किया गया है. छत्तीसगढ़ में पूरे प्रदेश से केवल महासमुंद जिले से 2 प्रोजेक्ट के चयन होने पर छात्र और शिक्षक काफी खुश है और उम्मीद जता रहे है कि आगे उनके इस प्रोजेक्ट का चयन टॉप 20 में भी होगा.

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Amit Mishra - Editor in Chief
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