अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए जन जागरूकता अभियान की आवश्यकता

महासमुन्द (वायरलेस न्यूज़) – महासमुंद जिले के ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियां आज भी व्याप्त है इसी का फायदा उठाने के लिए कुछ शातिर किस्म के लोग ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह अपना शिविर लगाकर लोगों को अपने झांसे में लेकर उनकी बीमारियां ठीक करने के बहाने उन्हें तंत्र मंत्र एवं झाड़-फूंक सहित अंधविश्वास फैलाने का काम बखूबी कर रहे हैं। दरअसल ग्रामीण इलाकों से आ रही खबरों के मुताबिक बाहर से आए कुछ लोगों द्वारा कई जगहों पर ग्रामीण इलाकों में कैंप लगाकर इस तरह का कार्य किया जा रहा है। जिसमें भोले-भाले ग्रामीण ऐसे लोगों के चंगुल में आ रहे हैं। इस तरह का सर्वाधिक चर्चा का विषय इन दिनों सराईपाली क्षेत्र में बना हुआ है जहां अलग-अलग गांव में कुछ लोगों द्वारा विशेष सभा आयोजित कर आसपास एवं दूर-दराज के क्षेत्र के ग्रामीणों को बुलाया जा रहा है और उन्हें अपने झांसे में लेकर बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है। हालांकि इस तरह के लोग कहां से आए हैं और कौन है, इस बात का अभी पूरी तरह से खुलासा नहीं हुआ है लेकिन काफी संख्या में ऐसे जगहों पर लोगों की भीड़ जुट रही है जो अंचल की भोली-भाली जनता के साथ एक बड़े साजिश की ओर इशारा कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि सरायपाली ब्लॉक के कई गांव में इस तरह का शिविर लगाया जा चुका है। बताया जाता है कि बीमारियों को ठीक करने के लिए शिविर का आयोजन करने वाले लोगों द्वारा लोगों को अंधविश्वास और भ्रम में डाल कर तेल व पानी के माध्यम से ठीक करने का दावा भी किया जाता है। इनके झांसे में अंचल के भोले-भाले लोग काफी संख्या में आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह चर्चा भी आम हो गई है कि आखिर लोगों मे इस तरह भ्रम फैलाने का काम किस किस सह पर किया जा रहा है और इस तरह के मामलों में आखिरकार प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं यह भी लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि इस तरह के विशेष शिविरों का आयोजन कर लोगों में भ्रम फैलाने का काम किया जा रहा है और लोगों को कुछ किताबें भी दिया जाकर वेद मंत्रों की गलत व्याख्या कर लोगों को बरगलाने की कोशिश किए जाने की भी चर्चा है। समाज को दिग्भ्रमित करने और अंधविश्वास फैलाने के इस तरह के साजिश पर अंकुश लगाए जाने हेतु प्रशासनिक तौर पर कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता देखी जा रही है।

क्या है अंधविश्वास

अंधविश्वास सच्चाई और वास्तविकता से बहुत दूर होते हैं। अंधविश्वास में व्यक्ति आलौकिक शक्तियों में विश्वास करता है। शक्तियों के अस्तित्व में विश्वास रखता है, जो कि प्रकृति के नियमों की पुष्टि नहीं करता है और न ही ब्रह्मांड की वैज्ञानिक समझ रखता है। अंधविश्वास व्यापक रूप से फैला हुआ है। आलौकिक प्रभाव में तर्कहीन विश्वास होता है।

क्या अंधविश्वास से मुक्ति संभव है ?

अंधविश्वास से मुक्ति पाना इतना कठिन नहीं है जितना की समझा जाता है अंधविश्वास का उपाय ठीक सामने ही होता है लेकिन वह किसी कोई नजर नहीं आता है न ही कोई उसे देखना चाहता है लेकिन फिर उपाय सामने होते हुए भी कोसों दूर है और तब तक रहेगा जब तक व्यक्ति के अन्दर जिज्ञासा उत्पन्न नहीं हो जाती। अन्धविश्वास कोई वस्तु नहीं है जिसे किसी दरिया मे फेंक कर मुक्ति पाई जा सकती हो यह तो वह विचार है तो हमें सामान्यत पूर्वजों से विचारों के रुप मे ही प्राप्त होते है जिन पर उनके कारण पर विचार करके उनसे मुक्ति पाई जा सकती है।

अंधविश्वास दूर करने के उपाय

स्वयं पर विश्वास करें

अंधविश्वास से मुक्ति का एक मात्र उपाय हैं स्वयं पर विश्वास करना अपने कर्म पर विश्वास रखना जब तक आप अपने आप पर विश्वास नहीं करेंगे आपके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता है दूसरों का अनुकरण करने की बजाय स्वयं के कर्म को महत्व दीजिए। आत्मविश्वास की कमी के कारण हमारा व्यक्तित्व पर नकारात्मक असर पड़ता है इसलिए अपने अन्दर आत्मविश्वास पैदा करें इस से आपके व्यक्तित्व मे भी निखार आयेगा किसी भी कार्य को आत्मविश्वास के साथ किया जाए तो सफलता निश्चित रुप से प्राप्त होती है। कठिन परिश्रम लगन और दृढ़ संकल्प से अपने पथ पर चलने वालों को मंजिल अवश्य ही मिलती है इसके लिए कोई टोटका काम नहीं आता है परिश्रम ही वो अंतिम टोटका है जो व्यक्ति को अपनी मंजिल तक पहुँचा सकता है।

बुद्धि व विवेक का प्रयोग करे

किसी भी व्यक्ति की बातों मे आने से पहले अपनी बुद्धि का प्रयोग कर उसके पीछे के तर्क तथ्य पर विचार कर लें उसके पश्चात स्वविवेक से कोई निर्णय लें।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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