वर्धा, (वायरलेस न्यूज़) 4 मार्च 2022 : एक भारत श्रेष्‍ठ भारत योजना के अंतर्गत महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय एवं ओड़िशा केंद्रीय विश्‍वविद्यालय, कोरापुट के संयुक्‍त तत्‍वावधान में शुक्रवार, 4 मार्च को गालिब सभागार में आयोजित सांस्कृतिक उत्सव की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि महाराष्‍ट्र और ओडि़शा के कला और संस्‍कृति में काफी समानताएं हैं।


विश्‍वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज से संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने कहा कि एक भारत श्रेष्‍ठ भारत दोनों राज्‍यों की साझा संस्‍कृति को प्रस्‍तुत करने तथा आदान-प्रदान का सशक्‍त मंच है और इस योजना के माध्‍यम से कलात्‍मक प्रस्‍तुतियां एक अनुपम प्रयोग है।

उन्‍होंने विश्‍वास जताया कि ऐसे आयोजनों से प्रत्‍येक युवा के मन में प्रेरणा उत्‍पन्‍न होगी और उनमें एकात्‍म भाव पैदा होगा।
संम्मिश्र पद्धति से आयोजित कार्यक्रम में दोनो विश्‍वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने महाराष्‍ट्र और ओडिशा राज्‍य की विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समा बांधा। ओडिशा के विद्यार्थियों ने संबलपुरी, ढेमसा और महाराष्‍ट्र की लावणी नृत्‍य की प्रस्‍तुतियां दी। हिंदी विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों ने लोक नृत्‍य गोंधळ, लावणी, कोळी नृत्‍य तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम पर आधारित नृत्‍य प्रस्‍तुत कर दोनो राज्‍यों की सांस्‍कृतिक पहचान को दर्शाया। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल, प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह, प्रो. अवधेश कुमार, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. प्रकाश नारायण त्रिपाठी, डॉ. सुरभि विप्लव, श्री अपर्णेश शुक्‍ल आदि सहित अध्‍यापक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत की नोडल अधिकारी डॉ. प्रियंका मिश्र, डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्‍डेय, डॉ. यशार्थ मंजुल ने किया। संचालन विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थी गौरव चौहान एवं सुश्री मौसम तिवारी ने किया तथा आभार स्‍त्री अध्‍ययन विभाग की शोधार्थी सुश्री प्रीति नेगी ने ज्ञापित किया।