
रेसुब पोस्ट गोंदिया के प्रभारी की सक्रियता से माता-पिता की डाँट खाकर घर से भागी दो नाबालिग बच्चियों को गोंदिया आरपीएफ ने ट्रेन से बरामद कर उन्हें गलत हाथों में पड़ने से बचाया
गोंदिया (महाराष्ट्र) बिलासपुर /(अनिल आहूजा वायरलेस न्यूज़) अपना घर छोड़कर अहमदाबाद सुपरफास्ट ट्रेन में भाग रही दो नाबालिग बच्चियों को मुखबिर द्वारा दी गुप्त सूचना प्राप्त होते ही रेसुब गोंदिया की विशेष टीम ने हावड़ा से आने वाली अहमदाबाद सुपरफ़ास्ट ट्रेन के जनरल डिब्बे में तलाशी कर दोनों नाबालिकों को बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर दोनों को चाइल्ड लाइन को सूपुर्द कर दिया है । इस मामले की जानकारी देते हुए रेसुब पोस्ट गोंदिया के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार तिवारी ने वायरलेस न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि रेसुब के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री ए एन सिन्हा के निर्देशन में एवं वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्री पंकज चुघ के मार्गदर्शन में गुरुवार, 07 जुलाई की सुबह छत्तीसगढ़ स्थित अपना घर छोड़कर हावड़ा अहमदाबाद एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में बैठकर चुपचाप बिना किसी को बताए भाग रही दो नाबालिग युवतियों को गुप्त सूचना के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल ने गोंदिया रेलवे स्टेशन में ट्रेन से बरामद करके उन्हें गलत हाथों में पड़ने से बचाया । दोनों युवतियों की उम्र लगभग 15 वर्ष है । उन्होंने बताया कि उनके माता पिता उन्हें दिन रात बहुत डाँटते थे इसलिए उन्होंने घर छोड़ने की योजना बनाई और 7 जुलाई की सुबह बैग में अपना सामान भरकर घर से चुपचाप निकल गईं । इस संबंध में जब आरपीएफ गोंदिया पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार तिवारी एवं आरपीएफ अपराध गुप्तचर शाखा गोंदिया के प्रभारी निरीक्षक अनिल पाटिल को सूचना मिली तब उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त रूप से योजना बनाकर उप निरीक्षक सी.के.पी. टेम्भूर्निकर, महिला सहायक उप निरीक्षक एम.भिवगड़े व महिला आरक्षी दिव्या सिंह सहित अन्य जवानों की मदद से गोंदिया स्टेशन पर अहमदाबाद की ओर जाने वाली सभी रेलगाड़ियों की सघन जाँच शुरू कर दी । अंततः शाम को जब हावड़ा अहमदाबाद एक्सप्रेस गोंदिया स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-3 पर आई तब इसकी जाँच करने पर पाया गया की ये दोनों नाबालिग बालिकाएं ट्रेन के सामान्य दर्जे के डिब्बे में यात्रा कर रही थीं । इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं इन्हें गलत हाथों में पड़ने से रोकने हेतु इन्हें गोंदिया स्टेशन में उतारा गया परंतु ये घर वापस नही जाना चाहती थीं । अंत मे इन्हें समझाया गया और रेलवे द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करते हुए चाइल्ड लाइन गोंदिया (सखी केंद्र) को सुपुर्द कर दिया गया ।
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