कम आय वाले कर्मचारियों के परिवार से लेकर अफसरों तक को हुआ है कई हजारों से लेकर लाखों का आर्थिक नुकसान -फेडरेशन

छत्तीसगढ़ सरकार के अन्यायपूर्ण नीति एवं रवैये से कर्मचारियों में आक्रोश -फेडरेशन
रायपुर (वायरलेस न्यूज़)
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने जानकारी दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा प्रदेश के 407862 कर्मचारी-अधिकारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता (डी ए) का क़िस्त स्वीकृत नहीं करने के कारण अघोषित रूप से प्रतिमाह वेतन में सिलसिलेवार कटौती हुआ है। उन्होंने बताया कि केंद्र शासन ने 1 जनवरी 2019 के 12 % महँगाई भत्ता में 5 % वृध्दि कर 1 जुलाई 2019 से 17 % घोषित किया था। लेकिन राज्य शासन ने 1 जुलाई 2021 से महँगाई भत्ता में 5 % वृध्दि किया था। जिसके कारण 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक अथार्त 2 वर्ष प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के मासिक वेतन में 5 % का अघोषित कटौती हुआ था।
उन्होंने आगे बताया कि केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 20 का 4 %,1 जुलाई 20 का 3 % तथा 1 जनवरी 21 का 3 % कुल 11 % डी ए में वृद्धि अथार्त 17% से 28 % को 1 जुलाई 21 से प्रभावशील किया था। लेकिन राज्य सरकार ने 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक वेतन में 17 % का अघोषित कटौती किया है। राज्य शासन ने डी ए में 5 % का वृध्दि 1 मई 22 से किया है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34 % डी.ए मिल रहा है। राज्य शासन ने डी.ए में केवल 5 % वृद्धि के बाद राज्य में डी.ए. 22 % है जोकि 1 मई 22 से प्रभावशील किया गया है। जिसके कारण राज्य के कर्मचारी-अधिकारी के मासिक वेतन में 12 % का अघोषित कटौती हो रहा है। उन्होंने जानकारी दिया कि डी.ए. में हुए निरंतर कटौतियों के कारण मूल वेतन ₹ 20000 को ₹ 65200 ; ₹ 30000 को ₹ 97800 ;₹ 40000 को ₹ 130400 ; ₹ 50000 को ₹ 163000 ; ₹ 60000 को ₹ 195600 ; ₹ 70000 को ₹ 228200 ; ₹ 80000 को ₹ 260800 ; ₹ 90000 को ₹ 293400 ; ₹ 100000 को ₹ 326000 ; ₹ 110000 को ₹ 358600 एवं ₹ 120000 को ₹ 391200 का आर्थिक नुकसान 1जुलाई 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक तथा 1 मई 2022 के स्थिति से हुआ है। उपरोक्त वेतन के आसपास वेतन पाने वाले कर्मचारी-अधिकारी अपना आर्थिक नुकसान का आंकलन कर सकते हैं।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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