बिलासपुर (वायरलेस न्यूज़) छत्तीसगढ़ी भाषा बहुत मधुर है, इससे संवाद करने से ग्रामीणों की शीध्र समझाया जा सकेगा,
अधिवक्ताओं को रिफरल बनने की अपेक्षा, सीधे जरूरतमंदों को राहत पहुंचाना है।

न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी नालसा का का मूल सिद्धांत है न्याय सबके लिये, उसे क्रियान्वित करने के लिए अधिवक्ताओं को सक्षम एवं जागरूक करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। नालसा की बहुत सारी जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही है, जिससे अधिक्तागण इस प्रशिक्षण के माध्यम से ज्ञान अर्जित कर वे इसका लाभ आमजनता को दिला सकते हैं। अधिवक्ताओं को रिफरल बनने का रोल नहीं निभाना है, बल्कि जिस किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को सहायता की आवश्यकता है उसे सीधे न्यायालय या फोरम के माध्यम से उन्हें राहत दिलावें, इस कार्य में संवाद के लिये अधिवक्ता सरल भाषाओं का उपयोग करें, छत्तीसगढ़ी बहुत मधुर भाषा है इससे संवाद करने से ग्रामीणों को शीघ्र एवं आसानी से समझाया जा सकता है। कानून की शब्दावली कठिन रहती है, उपरोक्त विचार छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं ओरियेंटशन प्रोग्राम का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। उक्त कार्यक्रम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पुराना उच्च न्यायालय भवन के सभागार में आयोजित किया गया था। माननीय न्यायमूर्ति महोदय ने बच्चों के अधिकार, पाॅक्सो एक्ट के मामलों में बच्चों के मनोबल को बढ़ाने, पारिवारिक विवाद, वरिष्ठजन से संबंधित मामलों, मानसिक मरीजों इत्यादि मामलों के संबंध में बने नियमों एवं योजनाओं का अध्ययन करने एवं अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं से बिना हिचक के उनकी सलाह लेने की बात कहीं है। न्यायमूर्ति महोदय ने विधिक सेवा प्राधिकरण की टोलफ्री नंबर 15100, यू-टयूब चैनल जनचेतना जिसमें न्यायिक अधिकारियों द्वारा विभिन्न विषयों पर तैयार विधिक जानकारी का लाभ उठाने तथा स्थायी लोक अदालत, जनोपयोगी सेवओं जिसमें, बिजली, पानी, हास्पिटल, टेलीफोन, ट्रांसपोर्ट इत्यादि उपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने तथा आमजन को इसके लाभ पहुंचाने की बात कहीं। इसके अलावा नवयुवक अधिवक्ताओं से ज्ञान पढ़ाने हेतु पुस्तकों का अध्ययन करते हुए आर्टिफिशियल इंटिलेजेंसी जैसे मोबाईल का सीमित उपयोग करने की बात कहीं। उन्होंनंे कहा कि बिलासपुर का डिफेंस कौंसिल सिस्टम देश भर में सराह गया है इसलिये नालसा द्वारा पूरे देश में अनेक स्थानों पर इसे प्रारंभ किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में भी शीघ्र डिफेंस कौंसिल सिस्टम स्थापित किया जावेगा। कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन छ.ग. उच्च न्यायालय के अध्यक्ष श्री अब्दुल वहाब खान ने करते हुए कहा कि इस प्रकार का वाॅलिंटियर्स अधिवक्ताओं का कार्यक्रम भारतवर्ष में प्रथम प्रयास है, जो निश्चित रूप से आगे चलकर भारत में मील का पत्थर साबित होने वाला है। स्वयं पर्याप्त जानकारी प्राप्त करने के लिए समय समय पर इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक है, ताकि अधिवक्ता विधिक क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि जहां सेवा शब्द आता है वहां काम मन से होना चाहिये, इसलिये हमें मन से सेवा के उददेश्य से इस कार्य को आगे बढ़ाना होगा। उपरोक्त कार्यक्रम में गेस्ट स्पीकर के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अभिषेक सिन्हा, श्री राजीव श्रीवास्तव, श्री रनवीर सिंह मरहास, दीपाली पाण्डेय रहें। कार्यक्रम में श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, सदस्य सचिव, श्री शशांक शेखर दुबे, विधिक सहायता अधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बड़ी संख्या में वाॅलिटियंर्स अधिवक्ता उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन कामिनी जायसवाल, अवर सचिव द्वारा किया गया।

Author Profile

Amit Mishra - Editor in Chief
Amit Mishra - Editor in Chief
Latest entries