एक धमाकेदार न्यूज़ पूरे प्रदेश के लिए। लिपिकों के वेतन विसंगति को लेकर, जशपुर लिपिक से संघ के जिलाध्यक्ष श्री उमेश प्रधान द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका दायर किया गया है, जिसमे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 3 सप्ताह के भीतर शासन से जवाब मांगा गया है। ज्ञात हो, लिपिकों की वेतन विसंगति के मामले में शासन द्वारा गठित तिवारी कमेटी ने भी लिपिकों के वेतन विसंगति के निराकरण हेतु अनुशंसा किया गया था, जिसे सचिव स्तरीय समिति ने बिना कारण बताए निरस्त कर दिया गया है। इसकी चुनौती जशपुर लिपिक संघ के जिला अध्यक्ष उमेश प्रधान द्वारा पूर्व में वर्ष 2016 में माननीय उच्च न्यायालय में दी गई थी, जिसमे अवमानना का मामला भी माननीय उच्च न्यायालय में चला था। वेतन विसंगति के निराकरण नहीँ होने के कारण पुनः 2020 में याचिका लगाई गई है। उमेश प्रधान, जिनका एक अलग पहचान, जशपुर जिले में बन चुका है। ये वो शख्स हैं, जिन्होंने जिले के गांव गांव घूम कर गांव के लोंगों में धर्म और राजनीति से हट कर सामाजिक एकता की भावना जगाया है। जहाँ इन्हें उराँव समाज, अधिकारी कर्मचारी संगठन का निर्विरोध जिला अध्यक्ष बनाया गया है वहीं इन्हें कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, जिला जशपुर के उप जिला संयोजक का अहम जिम्मेदारी भी दी गई है। इन्हें कर्मचारी अधिकारियों का तेज तर्रार नेता के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने लगभग जिले के लगभग 54 कर्मचारी अधिकारी संगठनों के साथ महगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर वर्तमान सरकार के विरुद्ध बिगुल फूक दिया है। उमेश प्रधान को लेकर राजनीतिक जगत में भी हलचल ब्याप्त है। हालांकि राजनीति में आने को लेकर अभी तक श्री प्रधान का वक्तब्य नहीँ आया है, किन्तु इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है, जिस प्रकार इनकी पैठ लोंगो के दिलों में बन रही है, उसे देखते हुए इनका राजनीति क्षेत्र में भी देर सबेर इंट्री किये जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।

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Amit Mishra - Editor in Chief
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