किशोर कर ब्यूरोचीफ महासमुंद
महासमुन्द ज़िले में नेशनल लोक अदालत में 1300 से ज़्यादा लंबित मामलों का निराकरण सुनवाई के बाद सुलह -समझौता के आधार पर 6.13 करोड़ राजीनामा राशि प्राप्त हुई महासमुंद- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के सचिव श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा दी गयी जानकारी में बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीशए श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेयए के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के अधीन आज शनिवार 12 नवंबर को जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौराए सरायपाली, बसना स्थित सिविल न्यायालयों एवं राजस्व न्यायालयों में कुल 22 खण्डपीठांे का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में 1300से ज़्यादा लंबित मामलों का निराकरण किया गया। सुनवाई के बाद सुलह -समझौता के आधार पर 6 करोड़ 13 लाख 65 हज़ार रुपये राजीनामा राशि प्राप्त हुई।
नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवादए बैंक रिकवरी प्रकरणए विद्युत एवं देयकांे के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री.लिटिगेशन मामले सुनवाई हेतु रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरणए परक्राम्य लिखत अधि0 की धारा.138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामलेए मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा.135 ;कद्ध के तहत विद्युत चोरी के मामलेए सिविल मामले भी नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों मंे उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में कुल प्री.लिटिगेशन के 11974 प्रकरणों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर कुल 6937 प्रकरणों का तथा न्यायालयों में लंबित सिविल वादए दांडिक मामलांेए मोटर दुर्घटना दावा इत्यादि के कुल 2031 मामलों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर 1318 मामलों का निराकरण किया गया और उनमें रूपये 6 करोड़ 13 लाख 65 हज़ार की राशि राजीनामा के आधार प्राप्त हुई। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासममुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।
महासमुंद के सटे तुमगांव नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत में रहने वाला रमेश ;परिवर्तित नामद्ध एवं श्रीमती सुशीला ;परिवर्तित नामद्ध के मामले में सुशीला और रमेश पति.पत्नी हैए जिनकी शादी वर्ष 2007 में हुई थी। जिनमें विगत पांच वर्षों से अनबन चल रही थी। पूर्व पेशियों में न्यायालय द्वारा उन्हें राजीनामा हेतु समझाईश दी जा रही थीए परन्तु उनमें कोई सहमति बनते दिखाई नहीं दे रही थीए किन्तु आज शनिवार को नेशनल लोक अदालत के अवसर पर उन्हें विशेष रूप से कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री रामजीवन देवांगन द्वारा समझाईश दिए जाने पर उनके द्वारा प्रकरण में आपसी सहमति से राजीनामा किया गया। इस तरह पांच वर्षों से लंबित प्रकरण में लोक अदालत के माध्यम से समझाईश के आधार पर सुलझ गया।
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