वर्ष 2023 के प्रथम नेशनल लोक अदालत में राज्य भर में निपटे तीन लाख ग्यारह हजार पंाच सौ इकसठ प्रकरण, एक अरब पैंसठ करोड़ रूपए राशि का अवार्ड हुआ पारित
बिलासपुर ( वायरलेस न्यूज) नालसा तथा छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही का अवलोकन माननीय न्यायमूर्ति श्री अरूप कुमार गोस्वामी – मुख्य न्यायाधिपति, छ.ग.उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक – राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जगदलपुर में किया गया तथा अधिवक्ताआंे से मुलाकात की गई। उनके साथ छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री अरविंद कुमार वर्मा भी उपस्थित थे।
माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी-कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा जिला न्यायालय बेमेतरा तथा जिला न्यायालय कबीरधाम में आयोजित लोक अदालतों का निरीक्षण किया गया । इस दौरान उनके साथ सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल भी उपस्थित थे। इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी-कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने पक्षकारों, अधिवक्ताओं तथा न्यायाधीशों से चर्चा की । उन्होंने कबीरधाम में लोक अदालत में लंबित बैंक के प्रकरण में पक्षकारों को समझाईश देकर बैंक से पक्षकार के प्रकरण में ब्याज की राशि में छूट दिलाकर प्रकरण का निराकरण कराया। वहीं जिला न्यायालय के दो कर्मचारियों का कुटुम्ब न्यायालय में वैवाहिक प्रकरण लंबित था, जिसमें दोनों को समझाईश देकर राजीनामा करवाया गया। उन्होंने कबीरधाम में पक्षकारों के लिए की गई भोजन की व्यवस्था की भी प्रशंसा की । उन्होनें कहा कि बिलासपुर में तथा रायपुर में आज प्रारंभ हुई मोहल्ला लोक अदालत के तर्ज पर यहंा भी लोगों की बुनियादी समस्याओं के निराकरण के लिए लोक अदालतों के आयोजन की योजना बनायी जाएगी।
आज नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला न्यायालय रायपुर में एक दिव्यंाग व्यक्ति को कैन्टीन आबंटित की गई तथा शासन की योजना का लाभ दिलाते हुए उसके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। लोक अदालत वैकल्पिक विवादों के निराकरण का एक मंच है, यहंा न्यायालयों में लंबित तथा प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों का भी निराकरण किया जाता है।
छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि आज की नेशनल लोक अदालत में राज्य भर में तीन लाख ग्यारह हजार पंाच सौ इकसठ प्रकरण का निराकरण कर एक अरब पैंसठ करोड़ रूपए राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसमें मोटर दुर्घटना दावा के 709 प्रकरणों में 39,09,07,355 (उन्चालिस करोड नौ लाख सात हजार तीन सौ पचपन ) रूपए का अवार्ड पारित हुआ। इसके अलावा पारिवारिक विवाद के 755, चेक बाउंस के 1969, राजस्व मामले के 35,000 मामलों का भी निराकरण किया गया। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों कें पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी आॅफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें माननीय न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र ब्यास, माननीय न्यायमूर्ति श्री सचिन सिंह राजपूत माननीय न्यायमूर्ति श्री राधाकृष्ण अग्रवाल, की कुल 03 खण्डपीठों के द्वारा कुल 111 प्रकरणों का निराकरण करते किया गया। जिसमें मोटर दुर्घटना के 68 प्रकरणों में 1,72,00,000 (एक करोड़ बहत्तर लाख) रूपये का अवार्ड पारित किया गया और इसके अतिरिक्त 35 सर्विस, 03 वैवाहिक एवं 05 अन्य व्यवहार वाद के मामलांे का निराकरण किया गया।
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