बिलासपुर/ लोरमी (वायरलेस न्यूज) लोरमी वनप़रिक्षेत्र से इस वक्त की बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही ही है की शिकारी के बिछाये करेंट के जाल पर एक वनभैंसा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई है। ये पूरा मामला लोरमी वन परिक्षेत्र के ग्राम परसवारा का है। जहां होली त्योहार के लिए शिकारी के बिछाये करेंट के जाल में फंसकर एक युवा बायसन का घटना स्थल पर ही मौत हो गई है ।

मामले के तथ्य को छुपाने के लिये वन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी बायसन के पार्थिव शरीर को छुपाने के लिए नाले के पास लावारिस हालत में छोड़कर होली के त्योहार में मसगुल हो गए हैं। हम आपको बता दें लोरमी वन परीक्षेत्र के महिला रेंजर दीक्षा बर्मन का क्षेत्र में विवादों से गहरा नाता रहा है । जब से लोरमी वन परिक्षेत्र में कदम रखी हैं तब से मजदूरी भुगतान से लेकर अन्य निर्माण कार्यों मे इनका विवादों में घिरे रहने का गहरा नाता रहा है । यही नहीं होली के त्योहारो पर सभी वन प्रसानिक अधिकारियों का ड्यूटी लगाई जाती है, ताकि अवैध लकड़ी तस्करी के सांथ वन्यजीवो के शिकार पर अंकुश लगाया जा सके।इसके लिए सरकार करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही हैं । जिससे वन्य जीवों को शिकारीयों के शिंकजे से बचाया जा सके किन्तु यहा के महिला रेंजर के नेतृत्व में काम करने वाले सभी संबंधित अधिनस्थ कर्मचारियो से तालमेल नहीं होने की वजह से आये दिन वन्य प्राणियों का शिकार जोरों से फलफूल रहा हैं|

रेंजर दीक्षा बर्मन का हमेशा से विवादों से नाता रहा और इनकी शिकायत मंत्रियों और उच्च अधिकारियों तक की गई लेकिन महिला रेंजर पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई है।जिससे इसके हौसलें बुलन्द है, और मंत्रियों और उच्च अधिकारियों द्वारा महिला रेंजर पर कोई कार्यवाही नही करना समझ से परे हैं। ऐसे ही एक मामला परसवारा वन ग्राम का है जंहा आज होली त्योहार के लिए शिकारी के बिछाये करेंट के जाल में फंसकर एक बायसन को अपनी जान गवाना पड़ा है ।

और इनसे जुड़े संबंधित अधिकारी तथ्य छुपाने के लिये नाले के पास फिकवाने की कोशिश किये किन्तु जागरूक ग्रामीणों के चलते इनके करतूत मिडिया के सामने आ गई है। जब इस संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश किया गया तो किन्तु कोई भी अधिकारी फोन उठाना या जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा इससे यह प्रतीत होता है की क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के सांठगांठ से शिकार को अंजाम देने जैसे संदेह से इनकार नहीं किया जा सकता है।

अगर इस ओर ध्यान देते हुए शासन प्रशासन के द्वारा तत्काल कार्यवाही नहीं की गई तो इससे बडी और कोई भी घटना घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अतः शासन को चाहिए कि दोषियों पर तत्काल उचित कार्यवाही करते हुए अन्यत्र हटाया जाए ताकि इस तरह से हो रहे वन्य प्राणीयों के अवैध शिकार और मौत को रोका जा