बिलासपुर/नागपुर(अमित मिश्रा वायरलेस न्यूज) महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्थित पेंच टाईगर रिजर्व में मोर देखने के अपने ही मजे हैं।रंग बिरंगे दौड़ते भागते इतराते मचलते थिरकते नाचते मोर पर्यटकों के मन को एकाएक मोह लेते हैं।यह दोनों प्रदेशों के सीमा पर बहने वाली नदी पेंच के नाम से मशहूर है, मात्र 702.2 वर्ग कि मी में फैला हुआ।

अनेक दुर्लभ जीवों और सुविधाओं वाला पेंच नेशनल पार्क पर्यटकों को तेजी से अपनी ओर आकषिर्त कर रहा है। खूबसूरत झीलें, ऊंचे पेड़ों के सघन झुरमुट, रंगबिरंगे पक्षियों का कलरव, शीतल हवा के झोंके, सोंधी-सोंधी महकती माटी, वन्य प्राणियों का अनूठा संसार सचमुच प्रकृति के समूचे

तन-बदन पर हरीतिमा का ऐसा अनंत सागर रोम-रोम में सिहरन भर देता है। पेंच नेशनल पार्क में जगह जगह मोर कोलाहल करते मंत्र मुग्ध करने वाली आवाज पर्यटकों को आकर्षित करती है। 210 से अधिक प्रजाति के पक्षियों, पलक झपकते ही दिखने और गायब हो जाने वाले चीतल, सांभर और नीलगायें, भृकुटी ताने खड़े इंडियन बायसन और लगभग 65 बाघों से भरा पड़ा है।


अन्य पक्षियों के अलावा प्रवासी पक्षी भी यहां आते हैं। इस टाईगर रिजर्व में बाघ तेंदुआ चीतल कोटरी जंगली सूअर जंगली बिल्ली भालू , सोन कुत्ता ,सियार , खरगोश सांभर, नीलगाय चौसिंगा हिरण के अलावा ब्लैक पैंथर विशेष हैं, वन्य प्राणी मौजूद है। पेंच टाईगर रिजर्व अन्य टाईगर रिजर्व से बाहरी सैलानियों के लिए विशेष हैं।